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सड़क नहीं थी, चली गयी वृद्धा की जान
चरही : चुरचू प्रखंड के चुरचू पंचायत अंतर्गत ग्राम बाली टोला चीरुबेड़ा निवासी बिरसा मांझी की मां श्रुति देवी (65 वर्ष) की मौत चीरुबेड़ा गांव से अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी. घटना 12 अप्रैल को दोपहर के 1.00 बजे की है. बताया जाता है कि सुबह 9.00 बजे श्रुति देवी की तबीयत […]
चरही : चुरचू प्रखंड के चुरचू पंचायत अंतर्गत ग्राम बाली टोला चीरुबेड़ा निवासी बिरसा मांझी की मां श्रुति देवी (65 वर्ष) की मौत चीरुबेड़ा गांव से अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी. घटना 12 अप्रैल को दोपहर के 1.00 बजे की है.
बताया जाता है कि सुबह 9.00 बजे श्रुति देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. अस्पताल ले जाने के क्रम में उसने दम तोड़ दिया. चीरूबेड़ा से चुरचू अस्पताल 15 किमी है. वहीं चरही अस्पताल 12 किमी. श्रृति देवी को वृद्धा पेंशन तो मिलता था, लेकिन उनके परिवार का नाम बीपीएल सूची में रहने के बावजूद इंदिरा आवास नहीं मिल पाया. गांव की महिलाओं के अनुसार यदि गांव में सड़क रहता, तो श्रुति देवी का जान बच सकती थी.
सड़क और सिचांई सुविधा से वंचित हैं ग्रामीण
चीरुबेड़ा गांव में सड़क और बिजली की कोई सुविधा नहीं है. गांव का कोई मरीज बीमार होता है, तो उन्हें खटिया से टांग कर अस्पताल ले जाया जाता है. जंगलों के बीच उबड़-खाबड़ संकीर्ण पतला रास्ता से गांव के लोग आवागमन करते हैं.
गांव वालों ने प्रशासन से चीरुबेड़ा गांव में सड़क व बिजली की मांग की है. मांग करनेवालों में सोहराय मांझी, महावीर मांझी, सोधन मांझी, सुखदेव मांझी, कतिलाल हांसदा, ज्योति मरांडी, प्रदीप मांझी, बिरसा किस्कू शामिल हैं
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