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बिहार में शराबंदी के एलाने के बाद बदला माहौल
चौपारण : बिहार एवं झारखंड के सीमावर्ती पर बसे चौपारण समेत अन्य इलाके के गांवों में महुआ के अवैध शराब बनाने के कारोबार में अचानक तेजी आ गयी है. चौपारण के सीमावर्ती गांवों में धड़ल्ले से महुआ शराब का निर्माण हो रहा है और तैयार शराब की खेप बिहार भेजी जा रही है. इस तरह […]
चौपारण : बिहार एवं झारखंड के सीमावर्ती पर बसे चौपारण समेत अन्य इलाके के गांवों में महुआ के अवैध शराब बनाने के कारोबार में अचानक तेजी आ गयी है. चौपारण के सीमावर्ती गांवों में धड़ल्ले से महुआ शराब का निर्माण हो रहा है और तैयार शराब की खेप बिहार भेजी जा रही है.
इस तरह इलाके में रोजाना लाखों रुपये का कारोबार हो रहा है. इस धंधे में कई सफेदपोश भी जुड़ चुके हैं. प्रखंड में सैकड़ों शराब की भट्ठियां चल रही है़ं स्थिति यह है कि बिहार के शराब कारोबारियों का रूख भी झारखंड के सीमावर्ती इलाके में हो चुका है.
भट्टियों से शराब की खरीदारी जोरों से होने लगी है. यह कारोबार प्रखंड मुख्यालय से पश्चिम दिशा में चल रहा है़ शराब की तस्करी कर लोग जंगल के रास्ते बिहार ले जा रहे हैं. कई बार हो चुकी है छापेमारी : इन शराब की भट्ठियों में कई बार पुलिस कारवाई कर चुकी है. कई बार इन अवैध भट्ठियों को ध्वस्त किया जा चुका है. इसके बावजूद इस पंचायत में शराब का कारोबार चरम पर है.
कहां कहां बनती है शराब
चौपारण प्रखंड के भगहर, करमा, रामपुर, बरहमोरिया, पडरिया, चोरदाहा, जवनपुर, दादपुर एवं दैहर पंचायत के कई गांवों में अवैध महुआ शराब का निर्माण हो रहा है. बताया जाता है कि सबसे अधिक शराब की भट्ठी भगहर पंचायत में है़ यह पंचायत प्रखंड मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर है और चारों तरफ से जंगल एवं पहाड़ों से घिरा है. भगहर एवं चोरदाहा पंचायत झारखंड-बिहार के सीमा पर अवस्थित है़ यहां से आसानी से शराब की तस्करी हो रही है.
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