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नैक के मूल्यांकन के लिए तैयार खड़ा है विभावि

उपलब्धि . 24 साल पहले किराये के दो भवनों से हुई थी शुरुआत, शिक्षा के बल पर बुलंदियों पर पहुंचा सलाउद्दीन/संजय राणा हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय झारखंड का ऐसा पहला विश्वविद्यालय है, जिसका मूल्यांकन नेशनल एसेस्मेंट एंड एक्रीडीटेशन काउंसिल (नैक) करेगी. नैक की टीम 24 से 27 फरवरी तक करेगी. सात सदस्यीय टीम में […]

उपलब्धि . 24 साल पहले किराये के दो भवनों से हुई थी शुरुआत, शिक्षा के बल पर बुलंदियों पर पहुंचा
सलाउद्दीन/संजय राणा
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय झारखंड का ऐसा पहला विश्वविद्यालय है, जिसका मूल्यांकन नेशनल एसेस्मेंट एंड एक्रीडीटेशन काउंसिल (नैक) करेगी. नैक की टीम 24 से 27 फरवरी तक करेगी. सात सदस्यीय टीम में तीन विश्वविद्यालयों के कुलपति समेत आठ उच्च स्तरीय शिक्षाविद शामिल हैं.
टीम विभावि के शैक्षणिक गतिविधि, शोध पत्र, जर्नल, आधारभूत संरचना, विद्यार्थियों को मिलनेवाली सुविधा, वर्क कक्ष का स्तर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कॉमन रूम व शौचालय समेत अन्य पहलुओं का जायजा लेने के बाद रैंकिंग करेगी. नैक की टीम के आने से पहले सभी 19 विभाग, मुख्यालय, व्यवसायिक पाठयक्रम के विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने अपने-अपने विभाग एवं कार्यालय ने दस्तावेजों को दुरुस्त कर दिया है.
इसे नैक टीम के समक्ष कंप्यूटर प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा. केंद्रीय पुस्तकालय की आधुनिक सुविधाएं समेत सभी शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन होगा. विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग लगातार उपलब्धियां हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर है. 24 साल पहले किराये के दो भवनों से विश्वविद्यालय की शुरुआत हुई थी.
विश्वविद्यालय यूजीसी से 12बी में निबंधित हुआ. विभावि भारतीय विवि एवं एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी लंदन का सदस्य बना़ दीक्षांत समारोह, अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, प्रशासनिक भवन समेत सभी संकायों के भवन, दर्जनों व्यवसायिक पाठयक्रमों के भवन और शैक्षणिक संसाधनों के साथ तैयार है. सभी कुलपति, विश्वविद्यालय पदाधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी और अभिभावक की एकजुटता और सकारात्मक पहल से विश्वविद्यालय नैक का मूल्याकंन कराने की स्थिति खड़ा है.
कुलपति प्रो गुरदीप सिंह ने कुलपति का कार्यभार संभालते ही विश्वविद्यालय को नैक का मूल्यांकन कराने का लक्ष्य तय कर लिया था. पिछले डेढ़ वर्षो में विश्वविद्यालय में जो बदलाव आया है, वह हर कोई देख सकता है.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कुछ ही दिन पहले विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय देश का उभरता विश्वविद्यालय है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने भी कहा कि विनोबा भावे विवि की शैक्षणिक गतिविधियों व परिसर को देखकर मैं काफी प्रभावित हूं.
24 वर्ष बाद नैक से ग्रेड ए पाने की ओर विश्वविद्यालय: विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग की स्थापना 17 सितंबर 1992 को हुई़ विभावि का शिलान्यास बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने किया था़ स्थापना के पूर्व उत्तरी छोटानागपुर के सभी कॉलेज रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते थे. यह विश्वविद्यालय रांची विश्वविद्यालय से विभाजित होकर बना है़
विभावि स्थापना के बाद उत्तरी छोटानागपुर के सभी कॉलेज एवं सभी संत कॉलेज को रांची विश्वविद्यालय से अलग कर विनोबा भावे विश्वविद्यालय में शामिल कर दिया गया. विभावि हजारीबाग जिला के उत्तर दिशा में रांची पटना रोड पर सात किलोमीटर की दूरी पर सिंदूर में स्थित है. अब विभावि के अंतर्गत उत्तरी छोटानागपुर के सभी कॉलेज एवं सभी होम्योपैथी कॉलेज एवं आयुर्वेद कॉलेज विश्वविद्यालय से संचालित होते हैं.
विभावि को स्थापना काल से ही राज्य सरकार से 67 एकड़ जमीन प्राप्त है. यह भूमि संत विनोबा भावे को भूदान आंदोलन में मिला था. इसी वजह से इस विश्वविद्यालय का नाम विनोबा भावे विश्वविद्यालय रखा गया. स्थापना काल से ही विभावि संत विनोबा भावे संदेश एवं शिक्षा का प्रचार कर रहा है. शुरुआती दौर में विभावि के पास भवन नहीं था. विश्वविद्यालय का काम किराये के भवन में चलता था. सभी प्रशासनिक कार्य, परीक्षा कार्य, स्नातकोत्तर की पढाई किराये के भवन में चलते थे. विभावि 1992 में भारतीय विवि का सदस्य बना. 2001 में भारतीय विवि का स्थायी सदस्य बना.
बाद में विभावि एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी लंदन का भी सदस्य बना़ विभावि 17 अक्तूबर 2002 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी से 12 बी के तहत निबंधित हुआ. यूजीसी से निबंधन के बाद विभावि के विकास का रास्ता खुला. सबसे पहले यूजीसी से 2005 में विभावि को तीन करोड़ का अनुदान मिला़ सबसे पहले विभावि परिसर में केंद्रीय पुस्तकालय का विशाल भवन बन कर तैयार हुआ. विभावि के इन विशाल भवनों से इसकी विकास की कहानी का पता चलता है़
विभावि के अंतर्गत सात जिलों के कॉलेज : विभावि के अंतर्गत सात जिला हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह एवं कोडरमा जिला के अंगीभूत कॉलेज आते हैं. इन जिलों के अंतर्गत लगभग 46 प्राइवेट कॉलेज विभावि से संबद्ध प्राप्त है. 40 प्राइवेट बीएड कॉलेज विभावि के अंदर हैं. दो मेडिकल कॉलेज, एक होम्योपैथिक कॉलेज, तीन संस्कृत कॉलेज, दो लॉ कॉलेज विभावि के अंदर आते हैं.
19 स्नातकोत्तर विषयों की पढ़ाई: पहले मात्र दो स्नातकोत्तर विषय इतिहास एवं अर्थशास्त्र की पढाई संत कोलंबा कॉलेज में होती थी़ इस समय यह कॉलेज रांची विवि के अंतर्गत आता था़ संत कोलंबा को जब स्नातकोत्तर का दरजा मिला, तो यहां स्नातकोत्तर के पांच विषय अंग्रेजी, हिंदी, राजनीतिशास्त्र एवं गणित जुड़ गये. वर्तमान समय में स्नातकोत्तर के 24 विषयों की पढाई हो रही है, जिसमें पांच व्यवसायिक विषय शामिल है़
19 विषयों में भौतिक, रसायन, गणित, वनस्पति शास्त्र, जंतु विज्ञान, वाणिज्य, भूगर्भशास्त्र, हिंदी, संस्कृत, अंगरेजी, उर्दू, इतिहास, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल, मनोविज्ञान, दर्शन शास्त्र, मानव शास्त्र शामिल हैं. व्यवसायिक पाठयक्रम में एमबीए, एमसीए, सीएनडी, एमएड, बॉयोटेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं लॉ की पढाई शामिल है. वर्ष 2015 में फिजियोथेरेपी की पढ़ाई शुरू कर दी गयी.

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