13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हेडलाइन…लौट गये दो बिरहोर सहित चार बच्चे

हेडलाइन…लौट गये दो बिरहोर सहित चार बच्चेउपायुक्त के औचक निरीक्षण से हुआ खुलासा. सीएस को चारों बच्चों को लाने का निर्देश फोटो – 14 कोडपी 7कुपोषण उपचार केंद्र का निरीक्षण करते उपायुक्त छवि रंजन फोटो – 14 कोडपी 8सदर अस्पताल ओपीडी का निरीक्षण करते उपायुक्त फोटो – 14 कोडपी 10चिकित्सकों के साथ बैठक करते डीसी […]

हेडलाइन…लौट गये दो बिरहोर सहित चार बच्चेउपायुक्त के औचक निरीक्षण से हुआ खुलासा. सीएस को चारों बच्चों को लाने का निर्देश फोटो – 14 कोडपी 7कुपोषण उपचार केंद्र का निरीक्षण करते उपायुक्त छवि रंजन फोटो – 14 कोडपी 8सदर अस्पताल ओपीडी का निरीक्षण करते उपायुक्त फोटो – 14 कोडपी 10चिकित्सकों के साथ बैठक करते डीसी छवि रंजन फ्लैयर…कुपोषण उपचार केंद्र में भरती कराये गये थे, पर पूरा इलाज के बिना प्रतिनिधि, कोडरमा बाजार सदर अस्पताल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में कुपोषित बच्चों का इलाज करवाने के लिए परिजन लाते हैं पर आधे-अधूरे इलाज के बाद बच्चे को घर लेकर जाते हैं. इसका खुलासा बुधवार को उपायुक्त छवि रंजन के कुपोषण उपचार केंद्र के औचक निरीक्षण में हुआ. निरीक्षण के क्रम में डीसी ने पाया कि केंद्र में मात्र एक बच्चा दो वर्षीय आनंद कुमार (पिता महादेव यादव, चाराडीह) का इलाज हो रहा है. उपायुक्त ने केंद्र में उपलब्ध रजिस्टरों को खंगालना शुरू किया, तो पता चला कि चार बच्चे दो जयनगर प्रखंड से, एक गझंडी और एक झरीटांड़ से आये थे. इनमें नंदनी बिरहोरिन और मीना बिरहोरिन भी शामिल हैं. मगर आधे-अधूरे इलाज के बाद चारों के परिजन बच्चों को लेकर चले गये. इस पर उपायुक्त ने पूछा कि आखिर किस कारण से बच्चे चले गये, जबकि रिपोर्ट के मुताबिक उक्त बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं थे़ डीसी ने सिविल सर्जन को एक टीम गठित कर चारों बच्चे के परिजन को इलाज के प्रति जागरूक करवाते हुए बच्चों को पुन: केंद्र लाने का निर्देश दिया. इस दौरान डीसी ने कहा कि केंद्र में आनेवाले कुपोषित बच्चों को पूर्ण इलाज के बाद ही जाने दें. डीसी ने कहा कि केंद्र में हर समय डॉक्टर की तैनाती हो. इमानदारी से करें ड्यूटी : डीसी डीसी ने सिविल सर्जन कार्यालय में डॉक्टरों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिये. डॉक्टरों को ईमानदारीपूर्वक ड्यूटी करने को कहा. लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की बात कही. सिविल सर्जन को स्वास्थ्य विभाग में कमियों को दूर करने व नियमित रूप से अस्पताल व वार्डों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. इसके पूर्व डीसी ने आइसीटीसी (एड्स नियंत्रण केंद्र ), सदर अस्पताल के ओपीडी आदि का निरीक्षण किया. डीसी ने सिविल सर्जन से जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर के डॉक्टरों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है. डीसी ने सिविल सर्जन से कहा कि केंद्र संचालन में लगे डॉक्टरों की डिग्री है या नहीं इसकी भी जांच कर रिपोर्ट दें. इस दौरान आउटसोर्सिंग कर्मियों ने डीसी से शीघ्र मानदेय का भुगतान कराने की मांग की. प्रसव के लिए आयी महिला चली जाती है निजी क्लिनिक जो बात आज से कुछ माह पूर्व प्रभात खबर में छपी थी़ उसे बुधवार को उपायुक्त के निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने खुद कुबूल किया कि यहां प्रसव के लिए आनेवाली कई महिलाएं बिना प्रसव के ही बिना कोई सूचना के झुमरीतिलैया के निजी क्लिनिक में चली जाती है. ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व प्रभात खबर में सदर अस्पताल में हावी है दलाली प्रथा शीर्षक से सामाचार छपी थी. इसमें यह खुलासा किया गया था कि सदर अस्पताल में प्रसव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से आनेवाली गर्भवती महिलाओं को दलाल यह कह कर डरा देते हैं कि यहां डिलेवरी करवाओगे तो जज्जा-बच्चा को खतरा हो सकता है. इससे परिजन घबरा जाते हैं और अस्पताल प्रबंधन को बिना सूचना दिये निजी क्लिनिक चले जाते हैं. बुधवार को जब उपायुक्त ने डॉक्टरों से किसी गर्भवती महिला के बारे में पूछा तो वहां मौजूद डॉक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि उक्त महिला को सिजेरियन से प्रसव होना था. उसे भरती भी कराया गया था, पर भरती की रात ही बिना कोई सूचना के वह तिलैया के निजी क्लिनिक में चली गयी. इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी के अलावा थाना को भी दी गयी. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ मधुबाला राणा, डीएस डॉ गोपाल सिंह, डॉ संजीव कुमार झा, डॉ भारती सिन्हा, डॉ आर कुमार, डॉ मनोज कुमार, डीपीएम समरेश सिंह आदि थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें