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आधुनिक समाज में महिला हिंसा अभिशाप

आधुनिक समाज में महिला हिंसा अभिशाप फ्लैग–घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा व डायन प्रथा को लेकर जिला स्तरीय सेमिनार, डीसी ने कहा 6कोडपी4सेमिनार का उद्घाटन करते उपायुक्त छवि रंजन, पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिन्हा व अन्य.6कोडपी 5सेमिनार में उपस्थित आंगनबाडी सेविका.6कोडपी6संबोधित करते उपायुक्त छवि रंजन.6कोडपी7संबोधित करते पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिन्हा.महिला हिंसा का मूल कारण अशिक्षा […]

आधुनिक समाज में महिला हिंसा अभिशाप फ्लैग–घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा व डायन प्रथा को लेकर जिला स्तरीय सेमिनार, डीसी ने कहा 6कोडपी4सेमिनार का उद्घाटन करते उपायुक्त छवि रंजन, पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिन्हा व अन्य.6कोडपी 5सेमिनार में उपस्थित आंगनबाडी सेविका.6कोडपी6संबोधित करते उपायुक्त छवि रंजन.6कोडपी7संबोधित करते पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिन्हा.महिला हिंसा का मूल कारण अशिक्षा है : एसपमहिलाएं अत्याचार का विरोध करें : डॉ आलम प्रतिनिधि, कोडरमा बाजार सूचना व जनसंपर्क विभाग की ओर से मंगलवार को बिरसा सांस्कृतिक भवन में घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा व डायन प्रथा को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया. उदघाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त छवि रंजन व एसपी नवीन कुमार सिन्हा ने किया. श्री रंजन ने कहा कि आधुनिक समाज में महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा अभिशाप के समान है. महिलाओं को हम देवी मान पूजा करते हैं. वहीं महिलाओं के साथ ही हिंसा की जाती है. श्री रंजन ने कहा कि महिलाओं को डायन कह कर प्रताड़ित किया जाता है. यह एक सामाजिक कुरीति है. इसका प्रमुख कारण महिलाओं के बीच शिक्षा व जागरूकता का अभाव है. उन्होंने कहा कि महिला हिंसा पर रोक लगाने के लिए कई अधिनियम बनाये गये हैं. महिलाएं जागरूकता के अभाव मे अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करती. वहीं एसपी नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि महिला हिंसा का मूल कारण अशिक्षा है. महिला हिंसा को रोकने के लिए कई कानून बनाये गये हैं. अगर किसी महिला के साथ घरेलू अत्याचार व हिंसा हो, तो थाने में शिकायत करें और महिला थाना जायें. अगर समाधान नहीं होता है, तो हमसे मिलें. महिला थाना में अब तक 70 मामले निष्पादित किये जा चुके हैं. जिप अध्यक्ष महेश राय ने कहा कि पूर्ण रूप से शिक्षित होने व जागरूकता आने से महिला हिंसा पर रोक लग सकती है. डोमचांच प्रमुख शालिनी गुप्ता ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है. अधिकार को लेकर जागरूकता जरूर है. प्रमुख ने कहा कि एक बेटियों को बचपन से लेकर बुजुर्ग होने तक परेशानी का सामना करना पड़ता है. चतरा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य इफ्तेखार आलम ने कहा कि जहां नारियों का सम्मान होता है, वहीं देवताओं का वास होता है. हम जानते हुए भी महिला का किसी न किसी रूप में अनादर व हिंसा करते हैं. डायन प्रथा अपराध के साथ ही सामाजिक अभिशाप है. महिलाएं अत्याचार का विरोध करें. वहीं अधिवक्ता आत्मानंद पांडेय ने महिला अधिकार व महिला हिंसा को लेकर कानूनी जानकारी दी. सेमिनार को डीआरडीए निदेशक किरण बाला, नगर पंचायत अध्यक्ष कांति देवी, उपाध्यक्ष कुलवीर सलूजा, बीएड की छात्रा अलका कुमारी ने भी संबोधित किया. संचालन सीडीपीओ साधना चौधरी ने किया. मौके पर डीपीआरओ राहुल भारती, सतगांवा बीडीओ विनोद कुमार कर्मकार, एसीएमओ विनोद कुमार, एसडीपीओ चंदेश्वर प्रसाद व डोमचांच सीडीपीओ सुनीता अग्रवाल के अलावा आंगनबाड़ी सेविका उपस्थित थी.

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