शिक्षा के क्षेत्र में प्रभात खबर की भूमिका अहम, एके मिश्र ने कहा
हजारीबाग : शिक्षा के क्षेत्र में प्रभात खबर की भूमिका अहम रही है. हजारीबाग में शिक्षा के क्षेत्र में चमत्कार होने का समय आ गया है. भारत के उभरते एजुकेशन हब में हजारीबाग नंबर एक होता जा रहा है.
हम सब को मिल कर मेहनत करना होगा. प्रभात खबर के इस सम्मान से आप सबों की जिम्मेदारी बढ़ी है. इस जिम्मेदारी को चुनौती के रूप में लें. उक्त बातें सक्सेस गुरु एके मिश्र ने प्रतिभावान बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए कही. उन्होंने कहा कि समाज में 10 प्रतिशत लोग ही सफल होते हैं. जो सभ्यता को आगे तक ले जाते हैं. आप लोग भी इन्हीं में से बनने का प्रयास करें. सक्सेस ओरिएंटेड वही लोग होते हैं जो प्रत्येक दिन सफलता के लिए मेहनत करते हैं.
जिस व्यक्ति की जिंदगी में उत्साह होता है वही जिंदा रहते हैं. जितना संघर्ष करेंगे उतना ही आप आगे बढ़ेंगे. कुदरत का इशारा भी इसी ओर है. सक्सेस गुरु ने कहा कि जिस व्यक्ति के जीवन में संघर्ष नहीं है उसकी सफलता का जड़ मजबूत नहीं होता. मुश्किल को आसान बनाने के लिए लक्ष्य जरूरी है. संभव लक्ष्य तय करनेवाले आम आदमी होते हैं. असंभव लक्ष्य को योद्धा ही तय करते हैं. अब उनका सारा समय मेहनत पर ही गुजरता है.
जो व्यक्ति संघर्ष से टूट जाता है वह लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता. सफल व्यक्ति समय को बदल देता है. हर व्यक्ति को सपना देखना चाहिए. सपना साकार वही होता है जो सो कर नहीं जाग कर देखा जाता है. सक्सेस गुरु ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सिर्फ इंजीनियर, डॉक्टर व आइएएस नहीं बने.
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नया शोध कर खोज करें. ऑफिसर्स बने लेकिन समाज में परिवर्तन लाने के लिए. हिंदुस्तान आगे तभी बढ़ेगा जब गांव आगे बढ़ेगा. आप किसी का फ्लोवर नहीं बनें बल्कि नेतृत्व करने की क्षमता विकसित करें. जीवन में हीन भावना और गलत संगत से दूर रहे.
मेधावी बनने के लिए ऊंची सोच रखनी चाहिए. सिविल सर्विसेज के क्षेत्र में जानेवाले विद्यार्थियों को संदेश दिया कि सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने के लिए विद्वान बनने की जरूरत नहीं है. प्लस टू के विषयों पर अच्छी पकड़ रखें. दुनिया के सम–सामयिक घटनाओं पर ध्यान रखें और उस समस्या से कैसे निजात पा सकते हैं इसके लिए अपने विचार को विकसित करें. सक्सेस गुरु ने अभिभावकों से आग्रह किया कि अपने जीवन का डर बच्चों में नहीं डालना चाहिए.
दूसरे बच्चे की तुलना अपने बच्चे से नहीं करें. न ही उसमें हीन भावना डालें. मेधावी विद्यार्थी अपने लक्ष्य का निर्धारण कर उसे आखिरी लक्ष्य समझ कर पूरा करने के लिए मेहनत करें. मनुष्य के अंदर एक्सट्रा ऑडिनरी ताकत है. इसे समझें.