Advertisement
दो घंटे तक थी अफरा-तफरी
– गैंगवार में एके 47 राइफल का इस्तेमाल – बम के धमाके से कोर्ट परिसर में कोहराम मचा – दो घंटे तक कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी हजारीबाग : हजारीबाग के कोर्ट परिसर में सब कुछ सामान्य चल रहा था. तभी एके 47 राइफल से निकली गोलियों की तड़तड़ाहट और बम के धमाके से वहां भगदड़ […]
– गैंगवार में एके 47 राइफल का इस्तेमाल
– बम के धमाके से कोर्ट परिसर में कोहराम मचा
– दो घंटे तक कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी
हजारीबाग : हजारीबाग के कोर्ट परिसर में सब कुछ सामान्य चल रहा था. तभी एके 47 राइफल से निकली गोलियों की तड़तड़ाहट और बम के धमाके से वहां भगदड़ मच गयी. लोग इधर-उधर, भागने लगे. दिन के लगभग 10.45 बजे से लेकर 12.45 बजे तक (करीब दो घंटे) तक व्यवहार न्यायालय परिसर की स्थिति में अफरा-तफरी मची रही. परिजनों का हाल-चाल जानने के लिए लोगों की आपाधापी और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति से वहां अजीब सा माहौल हो गया था. जितनी मुंह उतनी ही बातें काफी देर तक होती रही.
गोलीबारी के बाद कोर्ट परिसर में खून से लहूलुहान ग्यास खान (भुरकुंडा) और कमाल (जमुई बिहार) का शव पड़ा हुआ था, जबकि पास में ही घायल अवस्था में सुशील श्रीवास्तव जमीन पर गिरा हुआ था. आपाधापी में कई लोगों को चोटें आयी थी. गोलीबारी में कई लोग बाल-बाल बचे. हवलदार देवेंद्र पासवान की एड़ी से खून निकल रहा था. उसे गोली लगी थी. कोर्ट परिसर के बाहर भी अपराधियों ने भागने के क्रम में गोलीबारी की, जिसे उससे माहौल और भयावह हो गया.
कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों के मोबाइल से सूचना शहर व राज्य के अन्य हिस्सों में पहुंच चुकी थी. अधिवक्ताओं, न्यायिक पदाधिकारी, कर्मचारियों और आमलोग जो कोर्ट-कचहरी के काम से आये थे, सभी के परिजन अपनों का हाल-चाल जानने को लेकर परेशान रहे.
शहर में भी थोड़ी देर के लिए अफवाह का बाजार गर्म हो गया. कई लोगों के मरने की अफवाह फैलने से शहर के कई लोगों का रूट कोर्ट परिसर की ओर हो गया. यह सूचना पूरे इलाके में आग की तरह फैल गयी. कोर्ट परिसर में खोजी कुत्ते व फॉरेंसिक जांच टीम भी पहुंच चुकी थी.
डीआइजी उपेंद्र कुमार, डीसी मुकेश कुमार, एसपी अखिलेश झा, डीएसपी सतीश चंद्र झा, डीएसपी दिनेश गुप्ता, प्रभारी एसडीओ अनंत कुमार, थाना प्रभारी डीएन आजाद, कटकमसांडी थाना प्रभारी जेके आजाद, पेलावल ओपी प्रभारी सलाउद्दीन खान, इंस्पेक्टर केके महतो समेत कई पुलिस अधिकारी कोर्ट परिसर पहुंचे. पूरा परिसर कुछ देर के लिए छावनी में तब्दील हो गया.
कोर्ट परिसर के बाहर फोटो स्टेट व सभी दुकानें भी बंद हो गयी. फोटो स्टेट करा रहे जोलेन सोरेन (चुरचू निवासी) को गोली लगने से भी थोड़ी देर के लिए जो भगदड़ मचा उसका असर डीसी समाहरणालय परिसर में भी रहा. कुछ देर में ही पूरा परिसर खाली हो गया. देर तक पुलिस की जांच वहां चलती रही.
सुशील की हत्या कर बदला ले लिया
रांची : सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद विकास तिवारी ने पत्रकारों को फोन करके जानकारी दी कि सुशील श्रीवास्तव की हत्या कर उसने किशोर पांडेय की हत्या का बदला ले लिया है.
उसने कहा कि भोला पांडेय और किशोर पांडेय की हत्या करने के बाद सुशील श्रीवास्तव और उसके गिरोह के लोग कुजू, भुरकुंडा, पतरातू व खलारी के लोगों को तंग कर रहे थे. विकास तिवारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जो भी व्यापारी या अपराधी किशोर पांडेय की हत्या करवाने में शामिल था, वे बचेंगे नहीं.
सुरक्षा पर सवालिया निशान
हजारीबाग : कोर्ट परिसर हजारीबाग में सुरक्षा व्यवस्था पर कई बार सवालिया निशान लगे. सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह के वर्चस्व की लड़ाई का क्षेत्र कोर्ट परिसर बना. क्योंकि यह स्थल सुरक्षा के लिहाज से चाक-चौबंद नहीं थी. व्यवहार न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए तीन गेट हैं.
गेट नंबर एक एनएच 33 पर है. इसी गेट से सभी चार पहिया व दोपहिया वाहनों का प्रवेश होता है. प्रवेशद्वार पर एक पुलिस गार्ड रहता है. वह सिर्फ एनएच 33 पर जानेवाले वाहन को रोक कर कोर्ट परिसर से निकलने वाले वाहन का ट्रैफिक ठीक करता है. इसके अलावे कोई जांच-पड़ताल नहीं है. कोई भी व्यक्ति अपना वाहन लेकर कोर्ट परिसर में प्रवेश कर सकता है. गेट नंबर दो बार भवन के सामने है. इस गेट से वाहन प्रवेश नहीं करते हैं.
लेकिन कोई भी व्यक्ति कुछ भी लेकर पैदल इस गेट से परिसर में प्रवेश कर सकता है. तीसरा गेट रजिस्ट्रार क्वार्टर के पास है. इसमें ताला लगा रहता है. कोर्ट परिसर में सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक मौजूद लोग, वाहन आदि किसी की कोई जांच-पड़ताल नहीं होती है. कोई आइ कार्ड नहीं है. जिला सत्र न्यायाधीश के कक्ष से सभी दंडाधिकारी के कक्ष तक कोई भी आ-जा सकता है. कहीं कोई रोक-टोक नहीं है. प्रतिदिन जेपी केंद्रीय कारा से आनेवाले कैदियों की पेशी के लिए बने हाजत के पास भी कोई सुरक्षा घेरा नहीं है. चहारदीवारी के अंदर तक प्रवेश पर रोक है. लेकिन आने-जाने के क्रम में कोई भी कहीं किसी से मिल सकता है.
कई अधिवक्ता भी परिसर में ही टेबुल-कुरसी लगा कर बैठते हैं. इनलोगों के बैठने के लिए बार भवन और अलग से भवन है. अधिवक्ताओं के परिसर में बैठने के कारण कई लोग इन अधिवक्ताओं के पास भी परिसर में बैठे रहते हैं. इससे कई अपराधी भी अधिवक्ताओं के इर्द-गिर्द घूमते हैं. जिससे अधिवक्ताओं की सुरक्षा को भी खतरा है. कोर्ट परिसर की चहारदीवारी की ऊंचाई भी काफी कम है.
गैंगवार में शामिल अपराधी चहारदीवारी फांद कर आसानी से भाग गये. पूर्व में भी अपराधियों ने पेशी में आये कैदी को छुड़ाने के लिए बमबारी की घटना को अंजाम दिया था. इसमें कई लोग घायल हुए थे. दो कैदी भी भागने में सफल हुए थे. बार के सचिव राजकुमार राजू ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मांग की है कि बाहरी लोगों का वाहन कोर्ट परिसर में प्रवेश करने से रोका जाये. बार ने सभी अधिवक्ताओं को आइ कार्ड और वाहन में लगाने के लिए स्टीकर उपलब्ध करा दिया है.
बिलख रही थी ग्यास की पत्नी
हजारीबाग : ग्यास खान की मौत की खबर उसके ससुराल हरहद मुकुंदगंज गांव पहुंचते ही घर में मातम छा गया. पत्नी शाहीन परवीन छोटे बेटे को गोद में लेकर पति को देखने के लिए सदर अस्पताल पहुंची. सदर अस्पताल में शाहीन परवीन रो-रोकर बेहाल थी.
शाहीन ने बताया कि 2005 में ग्यास खान के साथ शादी हुई थी. तीन बेटी और एक छोटा बेटा है. शादी के बाद से ही भुरकुंडा रिवर साइड में रहना छोड़ दिये. हरहद में ही घर बना कर पति के साथ रहते थे. मंगलवार सुबह 9.20 बजे मेरे पति कोर्ट जाने के नाम पर घर से निकले थे.
इसके बाद यह घटना घटी. किसी से दुश्मनी थी. इस पर पत्नी ने कहा कि वे कोर्ट में आये थे और गोलीबारी में गोली लग गयी. अब हमलोगों के परिवार का भरण-पोषण कौन करेगा. बात करने के क्रम में वह बिलख-बिलख कर रो रही थी. ग्यास खान के परिजन उसे सांत्वना दे रहे थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement