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जेवीएम ने बाबूलाल को बनाया सीएम प्रत्याशी

हजारीबाग : झारखंड विकास मोरचा के दो दिवसीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए बाबूलाल मरांडी के नाम की घोषणा की गयी. अन्य दलों से मांग की गयी कि वे भी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करें. शनिवार को हजारीबाग के छड़वा डैम मैदान में 25 हजार कार्यकर्ता जुटे. श्री […]

हजारीबाग : झारखंड विकास मोरचा के दो दिवसीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए बाबूलाल मरांडी के नाम की घोषणा की गयी. अन्य दलों से मांग की गयी कि वे भी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करें. शनिवार को हजारीबाग के छड़वा डैम मैदान में 25 हजार कार्यकर्ता जुटे. श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस ने गंठबंधन धर्म का पालन नहीं किया.

दो राज्यसभा व उपचुनाव में कांग्रेस ने वादाखिलाफी की. 2010 में दोनों दलों के बीच विधानसभा व लोकसभा सीट तय करने का भी प्रस्ताव था. इस पर कांग्रेस ने समय रहते निर्णय नहीं लिया. इसलिए जेवीएम ने अब राज्य की 81 विधानसभा व 14 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

सभी तबकों का बढ़ा विश्वास

श्री मरांडी ने कहा : राष्ट्रीय एवं अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का मकसद वोट व सरकार बनाना रह गया है. जेवीएम संविधान के अनुसार कार्यक्रम व बैठक समय सीमा पर करता है. पार्टी में नीति, सिद्धांत और पारदर्शिता बरकरार है. कार्यकर्ताओं की मेहनत से पार्टी के प्रति सभी तबकों का विश्वास बढ़ा है.

उन्होंने कहा : कई राष्ट्रीय पार्टियां लोकसभा के अंदर समर्थन और बाहर विरोध करती हैं. सरकार बनाने व बचाने के लिए सभी मूल्यों और सिद्धांतों को छोड़ दिया जा रहा है. पार्टी की नीति, सिद्धांत और कार्यक्रमों पर जनता की नजर रहती है.

राष्ट्रीय और राज्य की अन्य पार्टियों में विचार, नीति और मूल्यों की कोई बात नहीं रह गयी है. किसी भी प्रकार से सरकार बनाना ही मकसद है. इस नाजुक दौर में जेवीएम सामूहिक निर्णय व पारदर्शिता के तहत काम कर रहा है. इस पार्टी की राजनीति एक मॉडल के रूप में देश में स्थापित होगी.

प्रत्याशी कौन, आकलन के बाद निर्णय

श्री मरांडी ने कहा : चुनाव लड़ना हर राजनीतिक कार्यकर्ता की इच्छा होती है, लेकिन 81 कार्यकर्ता विधानसभा और 14 कार्यकर्ता लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. प्रत्याशी कौन होगा, चुनाव जीतने की संभावना किसमें है, यह देखा जायेगी.

उम्मीदवार के व्यक्तिगत चरित्र, सामाजिक सेवा का आकलन कर ही पार्टी किसी कार्यकर्ता को चुनाव लड़ायेगी. श्री मरांडी ने स्पष्ट किया कि चुनाव जीतने के लिए नये उम्मीदवार को भी सामने लाना पड़ता है. उसके जीतने से पार्टी और संगठन का जस बढ़ता है. कार्यकर्ताओं का मूल मकसद सामूहिक रूप से चुनाव लड़ाने पर केंद्रित होना चाहिए.

खरीद-फरोख्त का अवसर दिया

श्री मरांडी ने कहा : विधानसभा को निलंबित रख कर बड़ा अपराध किया गया है. 18 मार्च 2013 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया. सरकार बनाने के लिए पूरी कोशिश की गयी. खरीद-फरोख्त का अवसर दिया गया.

सरकार बनानेवाले दलों ने सर्वे करवाया था, जिसमें यह बात सामने आयी कि सरकार बनाने पर भारी नुकसान होगा. इसके बाद विधानसभा भंग करने की कार्रवाई प्रारंभ हो गयी. राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी है कि लोकसभा चुनाव भी विधानसभा के साथ हो सकती है.

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