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टीपीसी को रोकने के लिए मगध जोन के माओवादियों ने की बैठक

चौपारण : सोमवार को चिरैंयाटांड़ जंगल में तीन सौ से अधिक माओवादी जुटे थे. सूत्रों के अनुसार माओवादी तीन अलग-अलग जगहों पर बैठक कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. बैठक में मगध जोन के जोनल कमांडर बैठा जी सहित गिरिडीह, चतरा, कोडरमा जोन के कई प्रमुख माओवादी शामिल हुए […]

चौपारण : सोमवार को चिरैंयाटांड़ जंगल में तीन सौ से अधिक माओवादी जुटे थे. सूत्रों के अनुसार माओवादी तीन अलग-अलग जगहों पर बैठक कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई.
बैठक में मगध जोन के जोनल कमांडर बैठा जी सहित गिरिडीह, चतरा, कोडरमा जोन के कई प्रमुख माओवादी शामिल हुए थे. यह बैठक टीपीसी संगठन के बढ़ते कदम को रोकने के लिए बुलायी गयी थी. माओवादियों के लिए चौपारण के भगहर,बुकाड़, चिरैंयाटांड, कहुदागी, जमुनियातरी, दुरागडा, चापी, परसातरी सेफ जोन माना जाता है.
चौपारण के जंगल में माओवादियों की बैठक में कई अहम निर्णय लिये जा रहे थे. इसका खुलासा उस समय हुआ था जब 2006 के पुलिस मुठभेड़ में परसातरी के जंगल में चार माओवादी मारे गये थे. इसके पूर्व भी माओवादियों के विरुद्ध पुलिस ने अभियान चलाया था. ऑपरेशन में पुलिस को सफलता हाथ लगी थी. पुलिस के लिए चौपारण में यह तीसरी सफलता है. पुलिस का सूचना तंत्र मजबूत है. इस कामयाबी के पीछे पुलिस विभाग का एक बड़ा महकमा भी सक्रिय था. जिसके मार्गदर्शन में पुलिस ऑपरेशन में आगे बढती गयी.
टीपीसी को घेरने के लिए हो रही थी माओपादियों की बैठक : पिछले कुछ दिनों से चौपारण के जंगली इलाके में टीपीसी संगठन का गतिविधि बढ़ा हुआ था. जिस पर काबू पाने के लिए माओवादियों की अहम बैठक बुलायी गयी थी.
घटना के बाद पुलिस की एक टीम ने सर्च ऑपरेशन दूसरे दिन भी जारी रही. घटनास्थल पर माओवादियों के और सामग्री बिखरे रहने की खबर है. जिसे पुलिस की टीम तलाशने में जुटी हुई है.
चौपारण के जंगल में जमे हैं माओवादी : घटना के बाद चौपारण, इटखोरी, राजपुर व बिहार के बाराचट्टी के जंगल में माओवादियों के जमे रहने की खबर है.

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