बरही. बरही के लिए वर्ष 2014 को राजनीतिक हिंसा का वर्ष के रूप में याद किया जा रहा है. तेली वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष व आजसू नेता तिलेश्वर साहू को आठ मार्च को बरही हाउस परिसर में गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस हत्याकांड में स्थानीय भाजपा विधायक उमाशंकर अकेला यादव के नजदीकी कार्यकर्ता विनोद यादव गिरफ्तारी के बाद अभी भी जेल में है. उच्च न्यायालय ने जमानत याचिका रद्द कर दी है. विनोद यादव दोषी है या निर्दोष यह अदालत में अभी तय होना बाकी है. मगर विनोद यादव की गिरफ्तारी से ही तिलेश्वर साहू हत्याकांड का राजनीतिकरण हो गया. विधानसभा चुनाव पर भी इसका असर देखा गया. विधानसभा चुनाव शुरू होते कुछ ही दिन पहले बरकट्ठा विधायक अमित यादव के दो समर्थक व भाजपा कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. यह हत्याकांड शुद्ध रूप से आपराधिक मामला था या इसमें भी कोई राजनीतिक एंगल है, पुलिस अनुसंधान में यह तय होना बाकी है. बरही के जाने माने चिकित्सक डॉ केपी अग्रवाल की मौत दिसंबर में हो गयी. बरही इंटर कॉलेज के व्याख्याता सीताराम यादव के छोटे पुत्र राहुल कुमार का इंदौर मध्यप्रदेश में 16 दिसंबर को मृत्यु हो गयी. सेवानिवृत्त बीडीओ व न्यू कॉलोनी निवासी राम उभेदन सिंह की मृत्यु भी इसी साल हुई.
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बरही: राजनीतिक हिंसा के लिए याद किया जायेगा 2014
बरही. बरही के लिए वर्ष 2014 को राजनीतिक हिंसा का वर्ष के रूप में याद किया जा रहा है. तेली वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष व आजसू नेता तिलेश्वर साहू को आठ मार्च को बरही हाउस परिसर में गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस हत्याकांड में स्थानीय भाजपा विधायक उमाशंकर अकेला यादव के […]
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