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पदमा : खराब व्यवस्था से परेशान पदमा साइ सेंटर के 28 खिलाड़ियों ने सेंटर छोड़ा

संजय यादव प्रशिक्षुओं ने सेंटर प्रभारी सह कोच पर लगाये कई आरोप कोलकाता से जांच करने पहुंचे सहायक निदेशक पदमा : हजारीबाग के पदमा साइ सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे 63 में 28 बच्चे प्रशिक्षण छोड़ कर घर चले गये. प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने संस्था की व्यवस्था और अधिकारियों की कार्यशैली के कारण यह कदम उठाया […]

संजय यादव
प्रशिक्षुओं ने सेंटर प्रभारी सह कोच पर लगाये कई आरोप
कोलकाता से जांच करने पहुंचे सहायक निदेशक
पदमा : हजारीबाग के पदमा साइ सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे 63 में 28 बच्चे प्रशिक्षण छोड़ कर घर चले गये. प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने संस्था की व्यवस्था और अधिकारियों की कार्यशैली के कारण यह कदम उठाया है. प्रशिक्षु खिलाड़ी प्रिंस एक्का गोमिया बोकारो के रहनेवाले हैं. उन्होंने कोलकाता के उच्च अधिकारी को मेल भेज कर पदमा सेंटर के प्रभारी शांतनु मजुमदार पर खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करने की जानकारी दी.
एमवे कंपनी के प्रोडक्ट को जबरन इस्तेमाल करने का दबाव देने संबंधी आरोप की जानकारी दी. जानकारी के अनुसार इस प्रशिक्षण केंद्र में खिलाड़ी हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, तीरंदाजी का प्रशिक्षण ले रहे हैं. पदमा साइ सेंटर का उद्घाटन 10 फरवरी 2018 को हुआ था. सेंटर का पहला सत्र 2017-19 के तहत 63 खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.
कोलकाता की टीम ने की मामले की जांच खिलाड़ियों की शिकायत पर कोलकाता से साइ के सहायक निदेशक कैलाश मीना और अभियंता गोस्वामी पांच जुलाई को पदमा साइ सेंटर पहुंचे. आरोप के तहत उन्होंने प्रभारी श्री मजुमदार के कमरे की जांच भी की. वहां एमवे कंपनी का प्रोडक्ट रखा मिला.
सेंटर छोड़ कर जाने वाले प्रशिक्षु : प्रिंस एक्का (गोमिया बोकारो), गोविंद बोदरा (दुमका), दिपांकर चक्रवर्ती (वेस्ट बंगाल), अंकित हेम्ब्रोम (पश्चिम सिंहभूम), राहुल कुमार, रूपेश रंजन, उदय गिरि (तीनों हजारीबाग), शिवम कुमार (बिहार), संजीव महतो (रांची), राहुल चंपिया (पाकुड़), मोनू कुमार राम (रांची) व अन्य शामिल हैं.
आरोपों की जांच जारी है : प्रभात खबर प्रतििनधि ने जब सहायक निदेशक से फोन पर इस बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि सभी आरोपों की जांच हो रही है. प्रक्रिया जारी है. लड़कों के सेंटर छोड़ कर जाने की शिकायत की जानकारी नहीं है.
लड़कों के हॉस्टल में महिलाएं रहती हैं : प्रिंस
प्रिंस एक्का ने बताया कि हमने अपना भविष्य बनाने के लिए पदमा साइ सेंटर ज्वाइन किया था. यहां हमें महंगे (एक से पांच हजार रुपये मूल्य के) कैल्शियम युक्त प्रोडक्ट खरीदने व इस्तेमाल करने को कहा जाता था.
पैसे नहीं रहने पर जबरन उधार देकर बाद में पैसे वसूले जाते हैं. प्रशिक्षण सही ढंग से नहीं दिया जाता है. कोच का शेड्यूल फिक्स नहीं होता. ग्राउंड की स्थिति बहुत खराब है. लड़कों के हॉस्टल में जहां महिलाओं को रहना मना है, वहां सेंटर की महिला अधिकारी भी रहती हैं. वे प्रशिक्षु लड़कों के साथ अच्छा बर्ताव भी नहीं करते हैं. पिछले लगभग तीन माह से उक्त लड़के छुट्टी पर घर जाने के बाद वापस नहीं आये.
लड़के छुट्टी पर गये हैं, मुझ पर लगा आरोप झूठा
इस संबंध में पदमा साइ सेंटर के प्रभारी सह कोच शांतनु मजुमदार ने कहा कि लड़के सेंटर छोड़ कर नहीं गये हैं. वे छुट्टी पर गये हैं. 8-10 लड़कों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहने के कारण उन्हें निकाल दिया गया है. उक्त कंपनी की दवा बेचता नहीं उपयोग करता हूं. लगाया गया आरोप झूठा है. सहायक निदेशक कैलाश मीना जांच के लिए आते थे. उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद सब साफ हो जायेगा.

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