हजारीबाग : आइसेक्ट के कुलाधिपति संतोष चौबे ने शनिवार को आइसेक्ट विवि की भूमि पूजन की. मौके पर कुलपति डॉ एसके श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद उपस्थित थे. संतोष चौबे ने कहा कि आइसेक्ट विवि, हजारीबाग का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपना नाम दर्ज करना है. आइसेक्ट ने शैक्षणिक क्षेत्र में अलग पहचान बनायी है.
राष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की है. भारत वर्ष में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में आइसेक्ट विवि का नाम आता है. आइसेक्ट विवि के खुलने से हजारों की संख्या में विद्यार्थी आकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. यह गर्व की बात है कि आइसेक्ट विवि का चयन झारखंड सरकार ने हजारीबाग में चलाने के लिए किया है.
विश्वविद्यालय सभी निर्धारित मापदंडों को पूरा करते हुए छात्र हित में हमेशा काम करते रहेगी. विवि 30 एकड़ जमीन में विवि को बनाने की शुरुआत भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ. विवि मटवारी स्थित भवन में संचालित किया जा रहा है. यूजीसी और झारखंड सरकार से मान्यता प्राप्त है. यह हजारीबाग का पहला निजी विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 2016 में हुई थी. विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट, आइटी, बीएससी कृषि, कला, विज्ञान, योग, वाणिज्य, पुस्तकालय विज्ञान, एमए एडुकेशन एवं पत्रकारिता की शिक्षा दी जा रही है.
प्रोफेशनल कोर्स की होगी शुरुआत: कुलपति डॉ एसके श्रीवास्तव ने कहा कि अगले सत्र 2020 से नये भवन में आइसेक्ट विवि स्थापित की जायेगी. इंजीनियरिंग, बीएड, एमएड एवं अन्य प्रोफेशनल कोर्स की भी शुरूआत होगी. विवि में शैक्षणिक सत्र नियमित होने के कारण विद्यार्थी अधिक संख्या में नामांकन ले रहे हैं. कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि आइसेक्ट विश्वविद्यालय में कई रोजगार परक कोर्स और तकनीकी शिक्षा दी जा रही है.
विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट की सुविधा है. इसके लिए कई कंपनियों से एएमयू साइन की गयी है. जिनका लाभ विद्यार्थी ले रहे हैं. सभी कोर्स में सत्र 2019-20 के लिए नामांकन भी शुरू किया गया है. भूमि पूजन के अवसर पर एकेडमिक डीड, सभी विभाग के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कर्मचारी एवं काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.