28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand : कस्तूरबा विद्यालय में बच्चों को नहीं मिलता भरपेट भोजन, क्यों भूखी रही 450 छात्राएं

कटकमसांडी (हजारीबाग) : बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए नवोदय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय देश भर में खोले गये. यहां शिक्षा से लेकर भोजन तक की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है. बावजूद इसके झारखंड के कस्तूरबा विद्यालय में कई अव्यवस्थाओं की खबरें आती ही रहती हैं. अव्यवस्था के लिए कुख्यात […]

कटकमसांडी (हजारीबाग) : बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए नवोदय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय देश भर में खोले गये. यहां शिक्षा से लेकर भोजन तक की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है. बावजूद इसके झारखंड के कस्तूरबा विद्यालय में कई अव्यवस्थाओं की खबरें आती ही रहती हैं. अव्यवस्था के लिए कुख्यात इस प्रतिष्ठित संस्थान में अगर बच्चों को भरपेट भोजन भी न मिले, तो यह चिंता की बात है. हजारीबाग जिला के कटकमसांडी प्रखंड में स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय से खबर आयी है कि यहां की 450 बच्चियों को सोमवार को भूखे-प्यासे रहना पड़ा.

वजह! पानी. हालांकि, छात्राओं की शिकायत पर बीडीओ एवं प्रमुख ने टैंकर से जलापूर्ति की व्यवस्था कर बच्चियों के भोजन की व्यवस्था करवायी, लेकिन विद्यालय की वार्डन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिसकी लापरवाही से बच्चों को इतना कष्ट झेलना पड़ा. सवाल यह भी है कि जिस स्कूल में इतनी बच्चियां हों, वहां पेयजल की व्यवस्था अब तक सुनिश्चित क्यों नहीं हुई?

इसे भी पढ़ें : कस्तूरबा विद्यालय : बुढ़मू "75 की दाल की "155 रुपये में हो रही खरीद

दरअसल, कटकमसांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय के 450 छात्राओं को सोमवार को खाना नहीं मिला. कस्तूरबा विद्यालय में पेयजल की किल्लत है. पानी नहीं होने की वजह से खाना नहीं बना. छात्राएं भूख-प्यास से दिन भर तड़पती रहीं. छात्राओं की शिकायत पर बीडीओ अखिलेश कुमार व प्रमुख कुमारी श्रीति पांडेय ने कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय पहुंच कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली.

त्वरित कार्रवाई करते हुए बीडीओ ने सबसे पहले टैंकर से पानी मंगाकर बच्चियों के लिए खाना बनवाया. इसके बाद वार्डेन शोभा पांडेय को फटकार लगायी. बीडीओ ने विद्यालय की व्यवस्थामें तत्काल सुधार लानेके निर्देश दिये. छात्राओं ने बीडीओ व प्रमुख को बताया कि उन्हें भर पेटभोजन नहीं मिलता. विद्यालय में कार्यरत चार रसोइया ने भी इस बात की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि खाना बनाने के सामान वार्डेन अपने कमरे में रखती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि बच्चियों को मेन्यू के हिसाब से भोजन भी नहीं दिया जाता.

इसे भी पढ़ें : झारखंड : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं को दिखायी गयी ‘एडल्ट फिल्म’

दूसरी तरफ, वार्डेन ने अपनी गलती छिपाते हुए लड़कियों को ही दोषी ठहराना शुरू कर दिया. शोभा पांडेय ने कहा कि दाल-चावल बना था. पानी के अभाव में सब्जी नहीं बनी. उन्होंने कहा कि लड़कियां छुट्टी पर जाने के लिए बहाने बनाने लगीं और किसी ने खाना नहीं खाया. पानी की समस्या के बारे में बीडीओ, सीओ व प्रमुख कोपहलेही सूचना दी जा चुकी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें