तीन लोगों की मौत संविधान के अनुच्छेद 244 का अपमान है. उन्होंने कहा कि 1977 में झारखंड को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया और यहां पांचवीं अनुसूचित लागू है. इस क्षेत्र में शासन व्यवस्था पर नियंत्रण करने का अधिकार देश के राष्ट्रपति तथा राज्यपाल को दिया गया है. सुदेश कुमार दास ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पुत्तास्वामी बनाम केंद्र सरकार के मामले में कई बार कहा कि सामाजिक सुरक्षा लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है.
लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत 22 मई 2017 को झारखंड के मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारी को राशन कार्ड से लिंक नहीं होने पर उसे राशन कार्ड रद्द करने का आदेश जारी किया. इससे पूरे राज्य में 11.5 लाख राशन कार्ड रद्द कर दिये गये. ज्ञापन में न्यायिक जांच की मांग, मुख्य सचिव पर कार्रवाई करने,संतोषी, बैजनाथ एवं रूपलाल मरांडी की मौत की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने, आधार के नाम पर बैंक एकाउंट बंद करना,राशन न देनेवालों पर कार्रवाई की मांग, नेटवर्क के अभाव वाले क्षेत्रों में पॉश मशीन की वैकल्पिक व्यवस्था राशन दुकानों में करने समेत अन्य मांगें शामिल है. धरना में विपिन सिन्हा,गुलाब साव, अशरफ अली, विजय मिश्रा, जसवा देवी, रूपेश राम, विजय राम, जगन्नाथ राम, आरती देवी, यशोदा देवी, कौशल्या,चंपा, कुंती, शकुंतला, सरिता,रेखा, रूपवंती, देवंती, प्रवीण दास, प्रभात कुमार समेत काफी संख्या सीपीएम कार्यकर्ता मौजूद थे.