मुख्य सचिव ने मौके पर ग्राम देवचंदा में मौजूद ग्रामीणों से भी बात की. पूछा कि यहां क्या-क्या फसल लगाते हैं. देवचंदा इलाके की जमीन पर कल कारखाने लगाये जायें, तो कैसा रहेगा. इंडस्ट्री लगने से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. क्षेत्र का विकास होगा. जमीन का मुआवजा भी अच्छा मिलेगा. रैयतों ने मुख्य सचिव से साफ शब्दों में कहा कि कंपनी के लिए वह अपनी जमीन देंगे, तो खायेंगे क्या. जमीन उनके लिए जीविका का साधन है. जमीन पर गेहूं उपजाते हैं. हम अपनी जमीन पर खेती कर खुशहाल है. हमें कंपनी को जमीन नहीं देनी है.
इसके लिए बरही के सात गांव देवचंदा, केदारूत, कजरा, खेरौन, कटियौन, डुमरडीह व खोडाअहार में 2500 एकड़ भूमि चिह्नित की गयी है. फ्रेड कॉरीडोर में कई तरह की इंडस्ट्री लगाने की योजना है. प्रशासन का कहना है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर योजना देश में तीव्र औद्योगिक विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से लाया गया है. कॉरीडोर में कई प्रकार की इंडस्ट्री लगने से बरही देश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उभर सकता है. इससे यहां के लोगों के लिए उद्दमशीलता और रोजगार की बेहतर संभावना सामने आयेगी.