उन्होंने सेविका-सहायिका को अपने-अपने क्षेत्र में जागरूकता अभियान चला कर शौचालय के उपयोग से होनेवाले लाभ की जानकारी देने की बात कही. कहा कि गंदगी से कई बीमारी होने का डर बना रहता है.
ग्रामीण क्षेत्र के कई घरों में अब भी शौचालय नहीं है. खुले में शौच करने से बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते है. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ रहे बच्चों को शौचालय का उपयोग, खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने व खाने के बाद अच्छी शिक्षा देने को कहा. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के टूटे शौचालय को 14वें वित्त आयोग की राशि से मरम्मत करायी जायेगी. सभी केंद्रों में बच्चों के लिए हैंड वाशिंग यूनिट का निर्माण किया जायेगा.