चरही: विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोरचा रेलवे साइडिंग चरही का आंदोलन चरणबद्ध जारी है. मोरचा की ओर से महाप्रबंधक सीसीएल चरही को 17 सूत्री मांग पत्र देने के बाद जन जागरूकता अभियान रविवार को चलाया गया. अध्यक्ष शिवलाल महतो ने कहा कि महाप्रबंधक को 10 दिन के अंदर मांगों पर निर्णय लेना है. संघर्ष मोरचा के साथ महाप्रबंधक सीधे वार्ता करे.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत विस्थापितों की मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो रेलवे का ट्रांसपोटिंग, परेज कोलियरी, तापिन नॉर्थ कोलियरी का उत्पादन ठप कराया जायेगा. इसकी सारी जवाबदेही सीसीएल प्रबंधन की होगी. विस्थापितों की मांगों से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास, पुलिस महानिरीक्षक डीके पांडेय, कोल मंत्रालय भारत सरकार, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सीसीएल दरभंगा हाउस, डीसी, एसपी, डीएसपी, एसडीओ, सीओ, थाना प्रभारी को दी गयी है.
संघर्ष मोरचा की मांग: चरही, इंदिरा, बासाडीह, जरबा, मुकरू, नीमाडीह, कारूखाप, दासोखाप, लोथरवा, करमाबेडा, हेंदेगढ़ा, बहेरा, सरवाहा, चुरचू गांव के मजदूरों को रोजगार रैक लोडिंग में मिले, सीसीएल प्रबंधक चरही रेलवे रैक पर कार्य के लिए अधिकृत आरटीसीए और एमटीसी कंपनी के महाप्रबंधक सीसीएल चरही त्रिपक्षीय वार्ता के निर्णय का पालन करे, 20 जून को एसडीओ के साथ हुई बैठक में लिये गये निर्णय का पालन हो, स्थानीय मजदूरों की गार्ड, मुंशी, ड्राइवर व सुपरवाइजर पद पर बहाली हो, सीएसआर योजना के तहत चरही स्टेशन पर यात्रियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो, एनएन-33 से लेकर रेलवे स्टेशन के मुख्यद्वार तक पीसीसी पथ निर्माण हो, विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोरचा के रेलवे साइडिंग चरही के लोगों पर से झूठा मुकदमा बगैर शर्त वापस हो.