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आवंटन के अभाव में बंद हो सकता है गुमला में स्थापित नारी निकेतन, केंद्र के संचालक का है लाखों रुपये बकाया

आवंटन के अभाव में सिलम में संचालित नारी निकेतन बंद हो सकता है. विगत तीन सालों से सरकार द्वारा नारी निकेतन के संचालन के लिए राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है.

आवंटन के अभाव में सिलम में संचालित नारी निकेतन बंद हो सकता है. विगत तीन सालों से सरकार द्वारा नारी निकेतन के संचालन के लिए राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. बताते चले कि जिला समाज कल्याण विभाग गुमला द्वारा विकास भारती बिशुनपुर के माध्यम से सिलम में नारी निकेतन का संचालन किया जा रहा है. जहां शोषित और पीड़ित युवतियों एवं महिलाओं को आश्रय मिलता रहा है.

परंतु इधर, तीन साल से वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करायी ही नहीं गयी है. जिस कारण विगत तीन सालों में विकास भारती बिशुनपुर का 43 लाख 65 हजार 400 रुपये बकाया है. विकास भारती द्वारा नारी निकेतन में वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 22 लाख 34 हजार 697 रुपये का खाद्यान्न सहित अन्य सामग्री उपलब्ध कराया गया है.

जिसमें से विकास भारती को 11 लाख 64 हजार रुपये भुगतान किया गया, जबकि 10 लाख 70 हजार 697 रुपये बकाया है. इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 लाख 52 हजार 606 रुपये, वित्तीय वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक) में 12 लाख 14 हजार 587 रुपये एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 (फरवरी 2021 से मार्च 2021 तक) में कुल दो लाख 27 हजार 510 रुपये का खाद्यान्न एवं अन्य सामग्रियां उपलब्ध करायी गयी है.

जिसका भुगतान विकास भारती को आवंटन के अभाव में नहीं हो सका है. हालांकि बकाया राशि का भुगतान करने के संबंध में जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा कई बार सचिवालय को पत्र लिखा गया है. परंतु आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है. इधर, आवंटन के अभाव में नारी निकेतन के संचालन में कठिनाई हो रही है.

नारी निकेतन चलाने के लिए विभाग ने सरकार से 12 लाख मांगे

विकास भारती को 43 लाख 65 हजार 400 रुपये बकाया राशि का भुगतान नहीं हो सका है. इसके इतर समाज कल्याण विभाग द्वारा चल रहे वित्तीय वर्ष के लिए सरकार से 12 लाख रुपये का डिमांड किया गया है. 12 लाख रुपये मिलेगा तो नारी निकेतन बंद होने से बच सकता है. ऐसे वर्तमान में नारी निकेतन में 14 महिलाएं एवं उनके चार बच्चे रह रहे हैं.

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