36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

लाखों खर्च कर गुमला का शेल्टर होम बेकार पड़ा, ठंड से ठिठुर रहे हैं गरीब, सुध लेने वाला कोई नहीं

Jharkhand news, Gumla news : भवन बनाने में लाखों रुपये खर्च हो गये. इसके बाद भी शहर के टंगरा मार्केट एवं खड़िया पाड़ा में बने शेल्टर होम बेकार है. इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. खड़िया पाड़ा का शेल्टर होम तो खुद समस्याओं से जूझ रहा है. इस कारण यहां कोई रहना नहीं चाहता है, जबकि टंगरा मार्केट का शेल्टर होम के अंदर के कमरे का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. जिस मकसद से ये दोनों भवन बने हैं उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है, जबकि इधर कुछ दिनों से ठंड बढ़ गयी है. लोग शाम होते ही ठंड से ठिठुरने लगते हैं. दूर-दराज से आने वाले गरीब एवं फुटपाथ में रहने वाले लोगों के ठहरने में परेशानी हो रही है. अगर इन दोनों भवनों में अच्छी व्यवस्था हो, तो गरीब एवं असहाय लोग यहां रूक सकते हैं. नगर परिषद ने ये दोनों भवन समाज के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद लोगों के रात्रि ठहराव के उद्देश्य से बनाये हैं.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (जगरनाथ/अंकित) : भवन बनाने में लाखों रुपये खर्च हो गये. इसके बाद भी शहर के टंगरा मार्केट एवं खड़िया पाड़ा में बने शेल्टर होम बेकार है. इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. खड़िया पाड़ा का शेल्टर होम तो खुद समस्याओं से जूझ रहा है. इस कारण यहां कोई रहना नहीं चाहता है, जबकि टंगरा मार्केट का शेल्टर होम के अंदर के कमरे का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. जिस मकसद से ये दोनों भवन बने हैं उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है, जबकि इधर कुछ दिनों से ठंड बढ़ गयी है. लोग शाम होते ही ठंड से ठिठुरने लगते हैं. दूर-दराज से आने वाले गरीब एवं फुटपाथ में रहने वाले लोगों के ठहरने में परेशानी हो रही है. अगर इन दोनों भवनों में अच्छी व्यवस्था हो, तो गरीब एवं असहाय लोग यहां रूक सकते हैं. नगर परिषद ने ये दोनों भवन समाज के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद लोगों के रात्रि ठहराव के उद्देश्य से बनाये हैं.

पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है

दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana National Urban Livelihood Mission) के तहत शहर के 2 स्थानों टंगरा मार्केट एवं खड़िया पाड़ा में बनाये गये शेल्टर होम का उपयोग नहीं हो रहा है. यहां लोग रूकते तक नहीं हैं. टंगरा मार्केट स्थित महिला आश्रय गृह ( women shelter home) में मंगलवार की रात्रि 2 महिला रुकी हुई थी. वहीं, यहां महीने में मात्र एक या दो लोग ठहरते हैं. टंगरा मार्केट में बने महिला आश्रय गृह में 10 बेड है, लेकिन यहां सभी कमरों की खिड़की का शीशा टूटा है. इस वजह से यहां ठहरने वाले लोगों को परेशानी होती है. रात को खिड़की से ठंडी हवा घुसती है और लोग ठंड से ठिठुरते रहते हैं. भवन भी जर्जर हो रहा है.

इस भवन में रख- रखाव के लिए 2 केयर टेकर, एक सेंटर मैनेजर, एक सफाईकर्मी एवं एक नाईट गार्ड रखा गया है. वहीं, वार्ड नंबर 8 खड़िया पाड़ा स्थित 50 बेड के शेल्टर होम में पेयजल की सुविधा नहीं है. यहां नाईट गार्ड नहीं है. यहां कोई नहीं रहता है. यहां के शौचालय का दरवाजा टूट चुका है. शहर से दूर होने के कारण एवं ग्रामीण इलाका से आये लोग जानकारी के अभाव में नहीं रूक पाते हैं. यहां के केयर टेकर पिंटू कुमार ने बताया कि यहां 2 दिन से कोई नहीं रूका है. कभी- कभी दो-चार लोग यहां आकर रूकते हैं. उसके अलावा इस भवन की देखरेख के लिए एक और केयर टेकर एवं एक सफाई कर्मी है.

Also Read: देवघर एयरपोर्ट का संचालन क्या समय से शुरू होगा? निर्माण की सभी तैयारियों पर पढ़ें Latest Update
कंबल का वितरण शुरू नहीं

ठंड बढ़ गयी है. शाम होते ही ठंड के आगोश में गुमला आ जाता है. तापमान भी गिर रहा है. मंगलवार को अधिकतम तापतान 28 एवं न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस था. बढ़ते ठंड से लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा गरीब परिवार के लोग प्रभावित हैं. लेकिन, अभी तक गुमला प्रशासन ने कंबल खरीदने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. कंबल कब खरीदा जायेगा. इसकी जानकारी किसी अधिकारी एवं कर्मचारी के पास नहीं है. न ही कंबल खरीद के लिए अभी तक पंचायत एवं प्रखंडवार कोई सूची तैयार की गयी है. गुमला में अक्सर देखा गया है. जब ठंड खत्म होने लगती है, तो प्रशासन कंबल खरीदकर लोगों तक पहुंचाती है.

शेल्टर होम की कमियों को जल्द करेंगे दूर : राहिल डुंगडुग

इस संबंध में एनयूएलएम के सिटी मैनेजर राहिल डुंगडुग ने कहा कि कुछ दिन पहले ही नगर परिषद में योगदान दिये हैं. कहां आश्रय भवन बना है. क्या स्थिति है. इसको देखने के बाद ही कुछ बता सकते हैं. अगर शेल्टर होम में कोई कमी है, तो उसे जल्द दूर किया जायेगा.

नगर परिषद की यह लापरवाही है : रमेश कुमार

वहीं, गुमला के समाजसेवी रमेश कुमार ने कहा कि गुमला नगर परिषद की यह लापरवाही है कि शेल्टर होम में ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं की गयी है. अधिकारियों को चाहिए कि जो कमी है उसे दूर करे, ताकि गरीब रह सके.

Also Read: बिहार के फिशरीज डायरेक्टर धर्मेंद्र कुमार पहुंचे चांडिल डैम, बोले- केज में मत्स्य पालन के तरीके को राज्य भी अपनायेगा

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें