प्रतिनिधि, गुमला
गुमला के एडीजे टू वंशीधर तिवारी की अदालत ने पांच वर्ष पूर्व हुए डायन बिसाही मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. आरोपियों में वेदन बारला, अनीता बारला व पौलुस माड़की है. इस संबंध में पीड़िता की बहू हत्यानी बारला ने कामडारा थाना में केस दर्ज कराया था.
दर्ज केस में उसने कहा था कि 31 मई 2012 को मेरी सास जरकी जोलेन बारला मेरे डेढ़ वर्ष के बच्चे के साथ विकमा गिरजाटोली में थी.
उस दिन हत्यानी बारला चेकडैम में मजदूरी कर रही थी. शाम को लौटने पर घर के अन्दर सास को घायल अवस्था में पाया. पूछने पर बताया कि उपरोक्त तीनों आरोपियों ने मेरे बेटे को डायन बिसाही का आरोप लगाकर लाठी डंडे से मारपीट की और मुझे जान से मारने की धमकी दी है.
मारपीट में पीड़िता का बायां हाथ टूट गया था. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसी समय तीनों आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पांच साल के बाद उक्त केस की सुनवाई पूरी हुई.
एडीजे टू कि अदालत ने धारा 448 में एक साल, 302 में तीन माह, 303 व 304 में छह माह की सजा व डायन बिसाही अधिनियम में उम्र कैद की सजा के साथ पांच हजार अर्थ दंड की साज सुनायी है. बचाव पक्ष से अधिवक्ता प्रभात दीवान और सरकारी पक्ष से पीपी मिनी लकड़ा थी.