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जमीन के लिए दूसरी लड़ाई शुरू हो गयी है : जिग्गा
बसिया के तालेसेरा गांव में आमसभा बसिया : बसिया प्रखंड के तालेसेरा गांव में आमसभा हुई. इसमें सीएनटी व एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन व स्थानीय नीति पर चर्चा की गयी. लोगों ने एक स्वर में कहा कि जान देंगे, जमीन नहीं देंगे. जमीन हमारे जीने का सहारा है. इसे लूटने नहीं देंगे. जमीन […]
बसिया के तालेसेरा गांव में आमसभा
बसिया : बसिया प्रखंड के तालेसेरा गांव में आमसभा हुई. इसमें सीएनटी व एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन व स्थानीय नीति पर चर्चा की गयी. लोगों ने एक स्वर में कहा कि जान देंगे, जमीन नहीं देंगे. जमीन हमारे जीने का सहारा है. इसे लूटने नहीं देंगे. जमीन नहीं रहेगा, तो हम भूखे मर जायेंगे. मुख्य अतिथि झामुमो के केंद्रीय सदस्य जिग्गा मुंडा ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन कर भाजपा सरकार ने आदिवासी व मूलवासी को जीते जी मारने की योजना बनायी है. अगर हम आज नहीं जागें, तो भविष्य में अपनी ही जमीन पर नौकर होंगे. सरकार ने झारखंडी समाज के शौर्य को ललकारा है. हमारी विरासत पर हमला बोला है. अब धैर्य का बांध टूट गया है. जवाब देना होगा और यह तभी संभव होगा, जब झारखंड राज्य के तमाम मूलवासी व आदिवासी एक मंच पर आयेंगे.
एक लड़ाई झारखंड अलग की लड़ी गयी थी, अब दूसरी लड़ाई सीएनटी व एसपीटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ शुरू हो गयी है. मौके पर तालेसेरा गांव के मार्शल सुरीन, मुकुल मिंज, सुजीत टेटे, राजेश बरला, लिबियानु कुल्लू, मरियानुस तिर्की, कल्याण टोपनो, प्रकाश तिर्की, गाब्रियल बरला, बली मिंज, फुलजेंस एक्का, अशोक सोरेंग, राजू कुजूर, फबियानुस डुंगडुंग, संजय सुकरात उरांव व निकोलस सुरीन सहित कई गांव के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे.
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