गुमला : गुमला जिले में वर्ष 1960 में डीएसइ के पद पर कार्य कर चुके सुरेंद्र पाठक के मामले में जिले से एक विशेष दूत बिहार सरकार के पास जायेगा़ इसके लिए झारखंड सरकार के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है़
मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम के तहत आमजनों की ओर से सीधे सीएम को शिकायत की गयी थी. शिकायत के बाद जिला स्तर पर उक्त शिकायत के समाधान की दिशा में किये गये कार्य की श्री वर्णवाल मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर रहे थ़े कॉन्फ्रेंस में जैसे ही गुमला जिला की बारी आयी श्री वर्णवाल ने सुरेंद्र पाठक के मामले की जानकारी ली़
ज्ञात हो कि वर्ष 1960 में जिले में डीएसइ के पद पर सुरेंद्र पाठक की नियुक्ति हुई थी, जहां 31 दिसंबर 1989 को जिला शिक्षा अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए़ इस तरह अवर शिक्षा सेवा में इनकी कुल सेवा अवधि 30 वर्षों की होती है़, लेकिन तत्कालीन शिक्षा अधीक्षक गुमला द्वारा कार्यावधि मात्र 29 वर्ष मानते हुए श्री पाठक को एक जनवरी 1990 की तिथि से पेंशन और अन्य लाभ स्वीकृत किया गया़ इसमें सुधार करते हुए सेवानिवृत्ति के बाद उनके शिक्षक के रूप में कार्य अवधि की गणना करते हुए संशोधित प्राधिकार पत्र निर्गत करने की मांग को लेकर श्री पाठक ने शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में आवेदन दिया़ लेकिन निराकरण इस आधार पर नहीं किया गया कि श्री पाठक की सेवा पुस्तिका कार्यालय में उपलब्ध नहीं है़
जिला स्तर पर निराकरण नहीं होने के बाद श्री पाठक ने सीधे सीएम से शिकायत की़ हालांकि इस मामले में बिहार सरकार से दो बार पत्राचार किया जा चुका है़, लेकिन श्री पाठक की समस्या का निराकरण नहीं हो सका है़
इस मामले में श्री वर्णवाल ने जिले के अधिकारियों को बिहार सरकार के पास एक विशेष दूत भेजने और समस्या का निराकरण कराने का निर्देश दिया़ वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिले से डीआडीए डायरेक्टर मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी, डीएसइ गनौरी मिस्त्री, एसडीओ कृष्ण कन्हैया राजहंस व डीएसपी इंद्रमणि चौधरी सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थ़े