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आयोग होते हुए भी आदिवासी का विकास नहीं
एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव एक बार फिर राजनीति में कदम रखेंगे गुमला : एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव एक बार फिर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखेंगे. एसटी आयोग में चेयरमैन के पद से पदच्युत होने के बाद जनता की सेवा कांग्रेस पार्टी में रह कर करेंगे. मंगलवार […]
एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव एक बार फिर राजनीति में कदम रखेंगे
गुमला : एसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव एक बार फिर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखेंगे. एसटी आयोग में चेयरमैन के पद से पदच्युत होने के बाद जनता की सेवा कांग्रेस पार्टी में रह कर करेंगे. मंगलवार को गुमला के सर्किट हाऊस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति के क्षेत्र से ही पहचान मिली है. इस क्षेत्र की जनता का हमेशा ही सहयोग मिलता रहा है.
उन्होंने कहा कि एसटी आयोग के चेयरमैन के पद पर रहते हुए जो दायित्व मिला, उसे बखूबी निभाया. अब फिर से जनता की सेवा करने का समय आ गया है. इस दौरान श्री उरांव ने चेयरमैन के पद पर रहते हुए किये गये कार्यों का जिक्र किया. कहा : आदिवासियों के संरक्षण व उत्थान के लिए आयोग बना है, जिसका काम सरकार द्वारा आदिवासियों के हित के लिए किये जा रहे कार्यों का देखना और पुन: सरकार को रिपोर्ट देना है, जिसे मैंने बखूबी पूरा किया.
सरकार आदिवासियों के हित के लिए कार्य कर रही है, लेकिन आदिवासी समाज का विकास नजर नहीं आ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समाज के लिए सड़के बनी, लेकिन वर्तमान में सड़कों की स्थिति काफी खराब है. शिक्षा के लिए विद्यालय खुला, लेकिन विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं. रहने के लिए छात्रावास बना, लेकिन छात्रावास में बेड नहीं है. विद्यार्थी पहले की तरह ही जमीन पर सोने को विवश हैं. बिजली सुविधा के लिए बिजली खंभा लगाया गया, लेकिन कहीं बिजली के खंभे में तार नहीं है.
कहीं तार लग भी गया है, तो वहां ट्रांसफारमर वर्षों से जला है. आदिवासियों के लिए आरक्षण भी है, लेकिन आरक्षण का पूरी तरह से लाभ नहीं मिल रहा है. सीटें खाली रह जा रही है, लेकिन उसे भरा नहीं जा रहा है. ट्राइबल एरिया में साइंस की पढ़ाई तक नहीं है, तो आदिवासी युवक-युवतियां डॉक्टर कैसे बनेंगे. श्री उरांव ने कहा कि सरकार को योजनाओं को पूर्ण रूप से लागू करने की जरूरत है, तभी आदिवासी समाज का विकास संभव है. आदिवासी समाज से कटे हुए हैं. उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है.
सीएनटी व एसपीटी एक्ट की चर्चा करते हुए श्री उरांव ने कहा कि जमीन किसी के लिए भी अहम है. सीएनटी व एसपीटी एक्ट सिर्फ एसटी के लिए नहीं, बल्कि उनके साथ एससी व ओबीसी के लिए भी है. सरकार को इनके हित को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की जरूरत है. वहीं प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति के बारे में कहा कि प्रदेश में पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन अब स्थिति सुधारने का समय आ गया है. मौके पर आशिक अंसारी, युवा नेता राजनील तिग्गा, रोशन तिर्की सहित कई कांग्रेस नेता उपस्थित थे.
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