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मैं राज्य का एक नंबर मजदूर हूं
समारोह. घाघरा के बदरी गांव में कार्तिक उरांव स्मृति जतरा का आयोजन, सीएम ने कहा घाघरा (गुमला) : घाघरा प्रखंड के बदरी गांव स्थित प्रोजेक्ट हाई स्कूल मैदान में कार्तिक उरांव स्मृति जतरा का आयोजन किया गया. जतरा में 15 हजार से अधिक लोग पहुंचे. 250 से अधिक खोड़हा दल था. 1981 ई में शुरू […]
समारोह. घाघरा के बदरी गांव में कार्तिक उरांव स्मृति जतरा का आयोजन, सीएम ने कहा
घाघरा (गुमला) : घाघरा प्रखंड के बदरी गांव स्थित प्रोजेक्ट हाई स्कूल मैदान में कार्तिक उरांव स्मृति जतरा का आयोजन किया गया. जतरा में 15 हजार से अधिक लोग पहुंचे. 250 से अधिक खोड़हा दल था. 1981 ई में शुरू हुआ यह जतरा सीएम के आने पर पहली बार भव्य रूप में नजर आया. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मेरे पिताजी खलासी व मां अनपढ़ थी. मैं खुद मजदूरी करता था, लेकिन आज एक मजदूर सीएम है. मैं राज्य का एक नंबर मजदूर हूं. उन्होंने कहा कि गीत, संगीत व नृत्य झारखंड की पहचान है. इसे संरक्षित रखना है.
आदिवासियों की एकता बनी रहे. इस प्रकार का मेला समाज को एकत्रित करने का माध्यम है. पद्मश्री अशोक भगत वर्तमान में इस क्षेत्र में आदिवासियों को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. हम सभी कार्तिक उरांव के बताये मार्ग पर चलें. कार्तिक उरांव ने राज्य को जो दशा व दिशा दी है, उसके तहत हम झारखंड को सशक्त बनायेंगे.
मैं बता दूं : आजादी में बलिदान देने वाले आदिवासी हैं. आदिवासी अब विकास के प्रति जागरूक हो रहे हैं. इससे कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. मेरे जीवन का एकमात्र मकसद है, गरीबी को खत्म करना है. सरकार का फोकस गांव व गरीबों का विकास है. महिलाओं को सशक्त करने के लिए सरकार काम कर रही है. तीन साल में गांवों में क्या काम करना है, इसपर आप ध्यान केंद्रित करते हुए काम करें. गांव को समृद्ध करने के लिए हमें खुद आगे आना होगा. 68 में 38 लाख घर में बिजली है.
आजादी के इतने अरसे बाद भी 30 लाख गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. हमारी सरकार इन 30 लाख गांवों में बिजली पहुंचाने का काम कर रही है. गांवों में सिंचाई, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधा व आंगनबाड़ी की समस्या है. पर मैं आपको अश्वस्त करता हूं कि इन समस्याओं को दूर किया जायेगा. गरीबी को दूर करने की जड़ी बूटी शिक्षा है. आप शिक्षा पर ध्यान दें.
मैं सीएम की कुरसी को सुशोभित करने के लिए नहीं, बल्कि आपकी सेवा करने के लिए आया हूं. कुछ लोग जनता को भ्रमित कर रहे हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. मंच का संचालन बाघंबर ओहदार ने किया.
कार्यक्रम में मौजूद लोग व अतिथि
गुमला विधायक शिवशंकर उरांव, लोहरदगा के नगर परिषद अध्यक्ष पावन एक्का, पूर्व विधायक समीर उरांव, पूर्व विधायक समीर उरांव, भिखारी भगत, हीरा साहू, प्रमुख सुनीता उरांव, मिशिर कुजूर, अवधेश शाहदेव, कुमार रवि, रामनंदन साहू, श्याम किशोर पाठक, गोपाल गोप, विपिन बिहारी सिंह, कर्णपाल देवधरिया, तिंबु उरांव, भूपेंद्रनाथ राम, गीता कुमारी, लक्षमी देवी, सीता देवी, शैलेंद्र चौरिसया, आलोक उरांव, हंदु भगत, महेंद्र भगत, सविंद्र सिंह, यशवंत सिंह, कमलेश उरांव, रेणुका उरांव, शीला कुजूर, बाघबनर ओहदार, झरी उरांव, आदित्य भगत, कौशल किशोर सिंह, मुरली मनोहर सिंह, अमित ठाकुर, निमाज खान, सुनील उरांव, राम साहू, भैयाराम उरांव, सैबू साहू, हरिहर साहू, अफताब लाडले, अनिरुद्ध चौबे, संजय वर्मा, प्रेम साहू, शंकर नायक, कृष्णा उरांव, कृष्णा लोहरा व फुलचंद तिर्की सहित कई लोग थे.
कार्यक्रम में शामिल पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी : डीआइजी आरके धान, डीसी श्रवण साय, एसपी चन्दन कुमार झा, डीडीसी एनके सिन्हा, एएसपी सरोज कुमार, एसडीओ केके राजहंस, एसडीओ अमर कुमार, डीएसपी कपिंद्र उरांव, एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत, कार्यपालक दण्डाधिकारी विकास तिर्की, डीपीआरओ पंचानन उरांव सहित कई लोग थे.
पूरे हो रहे हैं कार्तिक उरांव के सपने : सुदर्शन
केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि आदिवासियों को एक करना है. संस्कृति, परंपरा व भाषा को अक्षुण्ण रखना है. कार्तिक उरांव मेरे प्रेरणा स्त्रोत थे. उन्होंने संपूर्ण आदिवासी को एकजुट करने का प्रयास किया था. शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया था, फिर भी उनके सपने अधूरे रहे गये.
राज्य व केंद्र की सरकार कार्तिक उरांव के अंधूरे सपनों को पूरा करने का काम झारखंड राज्य में कर रही है. कार्तिक उरांव के कारण ही आदिवासी समाज संगठित है. उन्होंने पूरे समाज को जागृत करने का काम किया है. समाज को मजबूत व सशक्त करने के लिए हमें एक मंच पर आना होगा.
जो गांव की परंपरा को मानेगा, वही आदिवासी है : अशोक भगत
पद्मश्री अशोक भगत ने गांव में जायें, योजना बनायें सरकार की इस नीति की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि राज्य में रघुवर दास व केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार अच्छा काम कर रही है. मेरी सोच है, गांव की परंपरा को जो मानेगा, वही आदिवासी है. सरना समाज उनकी चिंता करें.
जनजातियों की सुरक्षा के लिए रघुवर सरकार काम कर रही है. सरना कोड की मांग हो रही है. सरना सभी का स्थल है. कार्तिक उरांव किसी एक पार्टी के नहीं थे. कुछ लोग उन्हें अपना धरोहर मान कर काम कर रहे हैं. कार्तिक उरांव हम सभी के लिए थे. जिला परिषद सदस्य तिंबु उरांव ने कहा कि राज्य में आदिवासियों की भाषा, संस्कृति व परंपरा का संरक्षण हो.
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