दूसरे ब्लॉक के अधिकारी व कर्मचारी गुमला शहर में रह कर हाजिरी बना रहे हैं, इसमें सुधार करने का दिया निर्देश
गुमला : उपायुक्त श्रवण साय की अध्यक्षता में सभी प्रखंड एवं अंचलों में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा की गयी. इस निमित विकास भवन स्थित सभागार में बैठक बुलायी गयी. बैठक में मनरेगा, डोभा-तालाबों में मत्स्य पालन के लिए मत्स्य बीज वितरण, मछुवारा आवास, डोभा के मेढ़ पर पौधारोपण, छात्रवृत्ति व साइकिल वितरण, सूखा राहत के तहत प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण, इ-सर्विस बुक में इंट्री, बायोमेट्रिक पद्दति से उपस्थिति, वनाधिकार पट्टा, स्वच्छ भारत मिशन, अनुपयोगी भवनों की सूची, मुख्यमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत लाभुकों का चयन सह सहमति पत्र प्राप्त करने आदि कार्यों की समीक्षा की गयी.
डीसी ने वनाधिकार पट्टा के लिए 30 अगस्त को पूरे जिले में एक साथ विशेष ग्राम सभा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि 60 हजार लक्ष्य के विरुद्ध 1000 से भी कम आवेदन जिले को प्राप्त हुए हैं. इस वर्ष जारी, बिशुनपुर, रायडीह व सिसई प्रखंड को पूर्ण ओडीएफ प्रखंड बनाना है. संबंधित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी ग्रामों में जागरूकता कार्यक्रम चलायें. ग्रामीणों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करें.
इस बार मुख्यमंत्री ग्राम विकास योजना में 85 नये ग्रामों को शामिल करना है. वहां से बेरोजगार युवक-युवतियों व स्वयं सहायता समूहों का चयन करें व उनसे सहमति प्राप्त करें, ताकि योजना के तहत लाभुकों को उनके मनपसंद व्यवसाय खड़ा करने के लिए राशि दी जा सके. जिले के कर्मचारियों का मात्र छह प्रतिशत का इ-सर्विस बुक में डाटा ऑनलाइन होने की रिपोर्ट पर उपायुक्त ने चिंता जतायी. बायोमेट्रिक पद्दति से उपस्थिति दर्ज नहीं करने की रिपोर्ट पर ऐसी भी सूचना है कि दूसरे प्रखंड/अंचलों के कर्मी भी 10 बजे जिला मुख्यालय में उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
अंचल अधिकारियों को कहा गया कि सूखा आपदा के तहत फसल बीमा की 70 करोड़ राशि अंचल को दी गयी है, परंतु पीड़ितों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. यह खेदजनक स्थिति है. बैठक में उपविकास आयुक्त एनके सिन्हा, कल्याण पदाधिकारी अनिल कुमार, मत्स्य पदाधिकारी सीमा कुजूर, डीपीआरओ पंचानन उरांव, सभी अंचल व प्रखंड के सर्किल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी मौजूद थे.