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एनएनसीयू दुरुस्त करने की कवायद

नवजात की मौत के बाद प्रभात खबर में समाचार छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया गुमला: एनएनसीयू की सुविधा, फिर भी बच्ची की मौत का समाचार प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद सदर अस्पताल गुमला हरकत में आया. बुधवार को सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ एके अग्रवाल, राजेश टोप्पो ने […]

नवजात की मौत के बाद प्रभात खबर में समाचार छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया
गुमला: एनएनसीयू की सुविधा, फिर भी बच्ची की मौत का समाचार प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद सदर अस्पताल गुमला हरकत में आया. बुधवार को सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ एके अग्रवाल, राजेश टोप्पो ने एसएनसीयू का मुआयना किया. मुआयना करने के बाद चिकित्सकों ने एचएम सुभाषिनी चंद्रिका को सूची सौंपी, जिसमें एसएनसीयू की कमियों को दर्शाया गया है़
ज्ञात हो कि आंध्र प्रदेश से आये इंजीनियरों द्वारा एसएनसीयू का ले-आउट तैयार किया गया था़ स्थापना के बाद इसका उदघाटन 25 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख ने किया था़ इधर,चिकित्सकों ने पत्रकारों से कहा कि एसएनसीयू में कुर्सी, टेबल, बेड, भरती पेपर, डिस्चार्ज पेपर, ग्लबस, मास्क, ड्रेस व चप्पल का अभाव है. उपरोक्त सुविधाओं के नहीं होने से एसएनसीयू का संचालन नहीं हो सकता है. चूंकि एसएनसीयू के लिए अलग ड्रेस होता है, जिसका प्रयोग सिर्फ एसएनसीयू में हो सकता है. अस्पताल का एसएनसीयू द्वितीय क्लास का है. प्रथम क्लास का एसएनसीयू रांची रिम्स में है.
इस एसएनसीयू में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है. साथ ही यहां एडमिट होने वाले बच्चों का भी चार्ट निर्गत है. सभी नवजात को हम यहां एडमिट नहीं कर सकते हैं. वहीं एसएनसीयू का फयूमिगेशन भी नहीं हुआ है. फयूमिगेशन में पूरे एसएनसीयू को धोकर साफ करना है. तीन दिन तक उस कमरे को सील रखना है. तीन दिन के बाद ही उसे खोल कर इसका संचालन करना है.

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