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अनुपस्थित डीएसओ को शो कॉज

मंथन. जिप कार्यालय में सदस्यों की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा गुमला : जिला परिषद गुमला की बैठक सोमवार को जिप कार्यालय में हुई. अध्यक्षता जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा ने की. बैठक में सर्वप्रथम गत बैठक की संपुष्टि की गयी. वहीं बैठक से अनुपस्थित रहने वाले डीएसओ विनोद शंकर मिश्र को शो कॉज […]

मंथन. जिप कार्यालय में सदस्यों की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा
गुमला : जिला परिषद गुमला की बैठक सोमवार को जिप कार्यालय में हुई. अध्यक्षता जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा ने की. बैठक में सर्वप्रथम गत बैठक की संपुष्टि की गयी. वहीं बैठक से अनुपस्थित रहने वाले डीएसओ विनोद शंकर मिश्र को शो कॉज जारी किया गया.
राशन कार्ड की समस्या पर चर्चा के दौरान डीएसओ को खोजा गया, लेकिन वे अनुपस्थित थे. गत बैठक में भी डीएसओ नहीं थे. फोन पर संपर्क करने पर पता चला कि वे अवकाश में हैं.
इस पर जिप अध्यक्ष ने नाराजगी प्रकट की और शो कॉज जारी किया. इस दौरान पता चला कि भरनो सहित बिशुनपुर, डुमरी, बसिया व पालकोट प्रखंड क्षेत्र के कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों में भी सेविका के अनुमोदन में अनियमितता बरती गयी है़ इस संबंध में बैठक में उपस्थित प्रभारी समाज कल्याण पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन से जवाब तलब किया. इस दौरान जिप अध्यक्ष ने कहा कि उनके क्षेत्र में गत दो वर्ष से आंगनबाड़ी केंद्र बंद है.
इसकी जानकारी सीडीपीओ को दी गयी है, लेकिन सीडीपीओ न तो निरीक्षण करती हैं और न ही काम सही से करती हैं. जिप अध्यक्ष ने श्री रंजन से कहा कि मामले को गंभीरता से लें. लेबर बजट की चर्चा में बताया गया कि जिला परिषद से लेबर बजट के लिए 280 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना कर राज्य सरकार को भेजा गया है. नागेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि गत वर्ष जिले का लेबर बजट 64.32 करोड़ था.
गैस कनेक्शन में लिया जा रहा अधिक पैसा
बैठक में शिकायत की गयी कि बीपीएल धारियों को एलपीजी गैस कनेक्शन देने के एवज में गैस एजेंसी संचालक द्वारा अधिक पैसा लिया जा रहा है. 525 रुपये अधिक लिया जा रहा है.
जनप्रतिनिधियों ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और एजेंसी संचालकों द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक लगाने की मांग की. बताया गया कि रशीद भी नहीं दिया जाता है. इस पर उपविकास आयुक्त सह जिला परिषद के सचिव नागेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी. बीडीओ, जिप सदस्य व मुखिया मिल कर एक टीम बनायेंगे और स्वयं जाच करेंगे.
गाइडलाइन मांगने का निर्णय
अजजा एवं परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाना है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की आपस में सहमति नहीं बन पाने के कारण अभी तक समिति का गठन नहीं किया गया है. इसके लिए बैठक में सर्वसम्मति से झारखंड सरकार से समिति के गठन के लिए गाइड लाइन मांगने का निर्णय लिया गया.

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