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विकास के लिए ग्रामीण आगे आयें
गुमला : गुमला के ललित उरांव नगर भवन में सोमवार को जिला प्रशासन के तत्वावधान में वर्ष 2015-16 के लिए योजना बनाओ अभियान का जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला का उदघाटन डीसी श्रवण साय, डीडीसी चंद्रकिशोर उरांव, प्रशिक्षु आइएएस कुलदीप चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया. कार्यशाला में उपस्थित लोगों […]
गुमला : गुमला के ललित उरांव नगर भवन में सोमवार को जिला प्रशासन के तत्वावधान में वर्ष 2015-16 के लिए योजना बनाओ अभियान का जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ.
कार्यशाला का उदघाटन डीसी श्रवण साय, डीडीसी चंद्रकिशोर उरांव, प्रशिक्षु आइएएस कुलदीप चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया. कार्यशाला में उपस्थित लोगों को स्टैगर्ड ट्रेंच, कौटूयर ट्रेंच, लूज बोल्डर चेक, गली प्लानिंग, फलदार वृक्षारोपण, वृक्षारोपण, सड़क किनारे वृक्षारोपण, कच्च नाला, पशुरोधक खाई, मिट्टी का डैम, डोभा, कुआं, तालाब, मुर्गी घर, बकरी शेड, एजोला टैंक, बाडेप टैंक, मिट्टी मोरम पथ, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सड़क, पुलिया, खेल मैदान आदि का निर्माण सहित जंगल की जमीन व टांड़ जमीन पर संभावित योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी.
मौके पर डीसी ने कहा कि योजना बनाओ अभियान ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार की एक महत्वकांक्षी पहल है. अभियान के तहत ग्रामीण अपने संसाधनों, आजीविकाओं व जरूरतों पर आधारित संपूर्ण ग्राम विकास परियोजना बनायेंगे. इन परियोजनाओं के आधार पर ग्राम पंचायतें समग्र ग्राम पंचायत विकास परियोजनायें बनायेंगे. डीसी ने कहा कि किसी भी ग्राम पंचायत का विकास तभी संभव है, जब स्थानीय लोग स्वयं से गांव के विकास के लिए योजना बनायेंगे और उन योजनाओं का सही से क्रियान्वयन होगा.
इसके लिए सबों का सहयोग जरूरी है. डीडीसी चंद्रकिशोर उरांव ने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के उद्देश्य से वर्ष 2016-17 के लिए मनरेगा एवं 2016-17 के लिए 14वें वित्त आयोग से प्राप्त अनुदानों से आम जनता योजना बनायेगी. प्रत्येक 100 परिवारों के कलस्टर अथवा टोले में तीन दिनों तक योजनाओं का चयन होगा.
सभी वर्ग के लोग मिल कर योजना पर विचार करेंगे. आमसभा के माध्यम से योजना का चयन एचं प्राथमिकताओं का निर्धारण होगा. समाज के सबसे वंचित 10 से 12 प्रतिशत परिवारों के लिए आजीविका की योजनाएं एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं को सुदृढ़ करने की योजनाएं बनेंगी.
ग्राम पंचायतें इन योजनाओं को स्वीकृति करेगी. डीडीसी ने कहा कि अभियान को गांव के लोगों जोड़ने में महिला स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन एवं फेडरेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. महिला समूह की महिलाएं अभियान के प्रचार-प्रसार एवं नियोजन से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रूप से जुड़े रहेंगे. इनकी भागीदारी से गांव के लोगों को इस अभियान को अपना अभियान बनाने में मदद मिलेगी.
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