गुमला : यह कैसी व्यवस्था है. ऐसा नहीं चलेगा. कुछ तो सिस्टम से काम करो. डीसी दिनेशचंद्र मिश्र के इस बोल से अधिकारी व कर्मचारियों के होश उड़े हुए थे. कड़ाके की ठंड में डीसी के तेवर के बाद देखते ही देखते मतगणना में तेजी आयी. साथ ही अव्यवस्थित माहौल में भी सुधार हुआ.
डीसी के साथ एसपी भीमसेन टुटी भी थे. काम के प्रति प्रिय दोनों अधिकारी 8.00 बजे फिसरी भवन के मतगणना केंद्र पहुंचे. साथ में मीडियाकर्मी भी थे. मतगणना केंद्र में मीडिया का प्रवेश वर्जित था. परंतु अधिकारियों ने पांच मिनट के लिए फोटो खींचने की अनुमति दी. डीसी व एसपी के साथ मीडियाकर्मी केंद्र में गये. मतगणना चल रही थी. फिसरी भवन के बाद डीसी व एसपी केओ कॉलेज गुमला के मतगणना केंद्र जाने के लिए निकले.
कुछ देर बाहर रूक दोनों अधिकारियों ने गुफ्तगू की. बातों से लगा. फिसरी भवन की मतगणना की व्यवस्था से अधिकारी संतुष्ट थे. भवन से निकलने के दौरान डुमरी थानेदार धर्मपाल कुमार ने एसपी को सैल्यूट मारा. थानेदार ने दिशा-निर्देश मांगा. एसपी ने चुपके से कहा. आपकी जिम्मेवारी यहां जालसाजी पर नजर रख उसे रोकना है. बेवजह भीड़ न लगने दें. तभी रास्ते में एसडीपीओ कपिन्दर उरांव व रायडीह थानेदार राजेश कुमार सिंह मिले. एसपी ने इन दोनों अधिकारियों को भी हर ओर नजर रखने के लिए कहा. नौ बजे डीसी व एसपी केओ कॉलेज पहुंचे. मतगणना केंद्र घुसते ही अव्यवस्था देख भड़क उठे.
सुधार का निर्देश दिया. एक इंजीनियर को तो उन्होंने सभी के सामने फटकार लगा दी. डीसी के इस तेवर के बाद व्यवस्था में सुधार हुआ. हर एक मतगणना केंद्र घूमे. कहीं अच्छी व्यवस्था देखी, तो डीसी के चेहरे पर मुस्कुराहट थी. परंतु एसपी की पैनी नजर गड़बड़ी करनेवालों पर थी. वे हर तरफ नजर छिपा कर देख रहे थे.