24 गुम 17 में कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक.रायडीह. कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के तत्वावधान में आयोजित छह दिनी तकनीकी सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को रायडीह प्रखंड के सिलम में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया. केंद्र के समन्वयक डॉ संजय पांडेय ने गांव में ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे मुर्गी पालन पर चर्चा करते हुए बताया कि गांव में उपलब्ध संसाधन मुर्गी का लीटर (वीट) है. उसका समुचित उपयोग कर यहां के किसान अपने खेती को पूर्णत: जैविक कर सकते हैं. इसके लिए केंद्र के वैज्ञानिक तकनीकी सहयोग के लिए हमेशा साथ हैं. केंद्र की ओर से जो भी बन पड़े सहायता किया जायेगा. मृदा वैज्ञानिक नीरज कुमार ने कहा कि गोबर खाद की अपेक्षा मुर्गी का खाद में पोषक तत्व तीन गुणा अधिक होता है. केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ निरंजन कुमार ने कहा कि जैविक खेती करने में शुरूआत के दिनों में दिक्कतें होती है. लेकिन बाद में रासायनिक खेती की अपेक्षा अधिक मुनाफा एवं फायदेमंद होता है. इस अवसर पर जिला उद्यान्न पदाधिकारी अजय कुमार सिंह, राजेश मिंज, जयमंगल उरांव, रामा उरांव, फुलमनी देवी, रेखा कुमारी, प्रबल सिंह, रामदेव उरांव, किशोर तिग्गा सहित कई लोग उपस्थित थे.
:4::: सिलम में किसान संगोष्ठी
24 गुम 17 में कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक.रायडीह. कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के तत्वावधान में आयोजित छह दिनी तकनीकी सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को रायडीह प्रखंड के सिलम में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया. केंद्र के समन्वयक डॉ संजय पांडेय ने गांव में ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे मुर्गी पालन पर चर्चा करते […]
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