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नक्सली बंद से दो करोड़ का व्यवसाय प्रभावित

जनजीवन अस्त-व्यस्त दुकानें बंद. 150 बसें नहीं चली गुमला : जमीन अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भाकपा माओवादियों का आहूत झारखंड व बिहार बंद का गुमला जिले में व्यापक असर पड़ा. जिले के सभी 12 प्रखंडों में बद का प्रभाव रहा. बंद से दो करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ. सबसे ज्यादा असर बॉक्साइट […]

जनजीवन अस्त-व्यस्त दुकानें बंद. 150 बसें नहीं चली
गुमला : जमीन अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भाकपा माओवादियों का आहूत झारखंड व बिहार बंद का गुमला जिले में व्यापक असर पड़ा. जिले के सभी 12 प्रखंडों में बद का प्रभाव रहा. बंद से दो करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ. सबसे ज्यादा असर बॉक्साइट उद्योग पर हुआ है. बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड के सभी बॉक्साइट उत्खनन केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ था. कांटा घर भी बंद था.
कार्यालय भी नहीं खुले. शहर की सभी दुकान बंद थी. एक भी दुकान नहीं खुली. शहर से 150 बसें विभिन्न रूट में जाती है, परंतु नक्सली भय से एक भी बस नहीं चली. सभी बसें बस पड़ाव में खड़ी थी. वहीं कुछ लोग बंद से अनजान शहर पहुंचे. परंतु गाड़ी नहीं मिलने से परेशान हुए. अंत में ज्यादा भाड़ा देकर टेंपो व अन्य साधन से यात्र किये. सभी पेट्रोल पंप बंद रहे. बाइक चालक पेट्रोल खोजते नजर आये. कई स्थानों पर कालाबाजारी में पेट्रोल खरीदे.
गुमला जिले के भरनो, सिसई, बिशुनपुर, घाघरा, कामडारा, बसिया, पालकोट, रायडीह, चैनपुर, डुमरी व जारी प्रखंड में बंद का प्रभाव देखा गया. सबसे ज्यादा प्रभाव चैनपुर, डुमरी, जारी, रायडीह, घाघरा व बिशुनपुर प्रखंड में देखा गया. यहां डर से दो पहिये वाहन भी बहुत कम चले. गांव से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक सन्नाटा पसरा रहा. छोटी-बड़ी हर दुकान बंद रही.

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