दुर्जय पासवान, गुमला
कल्याण विभाग गुमला में फर्जी हस्ताक्षर कर आठ करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. यह राशि आदिवासी, आदिम जनजाति के कल्याण व बच्चों के शिक्षा के लिए था. जिसे कल्याण विभाग के लोगों ने मिलकर फर्जी हस्ताक्षर कर निकाल लिया है. जानकारी के अनुसार कल्याण विभाग गुमला से अलग-अलग जारी किये गये चेक में नौ करोड़ रुपये चढ़ाकर फर्जी हस्ताक्षर किया गया था. इसमें बैंक द्वारा आठ करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है.
जबकि एक करोड़ रुपये के एक चेक के भुगतान से पहले बैंक के एक अधिकारी ने घोटाले की आशंका पर इसकी जानकारी प्रशासनिक विभाग के एक अधिकारी को दी. जिस कारण घोटालेबाज आठ करोड़ ही घोटाला कर सके. एक करोड़ रुपये घोटाला होने से बच गया है. हालांकि घोटाले की राशि बढ़ सकती है.
घोटाले की जानकारी के बाद गुमला डीसी शशि रंजन ने जांच शुरू कर दी है. मंगलवार को देर शाम को डीसी शशि रंजन, डीडीसी हरि कुमार केशरी, निदेशक हैदर अली व अन्य अधिकारी कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचे. जहां कार्यालय का दरवाजा अंदर से बंद कर देर रात तक अधिकारियों ने जांच की. जांच के क्रम में जिला कल्याण पदाधिकारी, स्टेट बैंक के अधिकारी, आईसीआईसीआई बैंक के लोग भी थे.
इस घोटाले में कल्याण विभाग के साथ बैंक के कुछ अधिकारियों की भी संलिप्तता है. डीसी शशि रंजन ने कहा कि अभी जांच चल रही है. बाद में पूरी जानकारी देंगे. जिन खातों से राशि की निकासी की गयी है व जिन खातों में राशि ट्रांसफर की गयी है. उन खातों को फ्रिज कर दिया गया है.
दरवाजा कर लिया बंद
घोटाले की गुप्त सूचना पर प्रभात खबर के प्रतिनिधि कल्याण विभाग कार्यालय रात सात बजे पहुंचे. उस समय दरवाजा खुला था. जब प्रतिनिधि कार्यालय के अंदर घुसे तो अधिकारी हक्के-बक्के हो गये. उन्होंने किसी प्रकार का फोटो लेने से मना कर दिया. साथ ही जांच के बाद ही पूरी जानकारी देने की बात कही. इसके बाद अंदर से दरवाजा बंद कर लिया गया.