गुमला : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड मनरेगा में समय पर मजदूरों को मजदूरी उपलब्ध कराने वाला देश का पहला राज्य है. ग्रामीण विकास विभाग बधाई के पात्र है. यह मजदूरों के प्रति विभाग की संवेदनशीलता को दर्शाता है. सीएम मंगलवार को दिन भर गुमला में रहे. वे गुमला में तीन कार्यक्रमों में भाग लिये.
परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय उज्ज्वला दीदी सम्मेलन में सीएम ने कहा कि 2014 में व्यापार सुगमता मामले में झारखंड का स्थान 29वां था. आज हम चौथे स्थान पर हैं. यह सब राज्य की जनता के सहयोग से संभव हुआ. अब हम पूरे देश में झारखंड का परचम लहराने की ओर अग्रसर हैं.
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 सितंबर को रांची आ रहे हैं. देश भर में 467 एकलव्य स्कूलों की आधारशिला रखेंगे. इसमें झारखंड के लिए 14 एकलव्य स्कूल हैं. आदिवासी बहुल क्षेत्र में कौशल केंद्र, आइटीआइ, नर्सिंग कॉलेज प्रारंभ करने की योजना है. राज्य के किसानों सहित गुमला जिले के 90 हजार किसानों कृषि आशीर्वाद की दूसरी किस्त दुर्गा पूजा से पहले मिलेगी. नौ सितंबर को सखी मंडल की 70 बहनों को एलपीजी के उपयोग हेतु मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण मिलेगा, जो उज्ज्वला दीदियों को प्रशिक्षित करेंगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल, जंगल और जमीन केवल नारा नहीं, हमारी विरासत व अमानत है. जल, जंगल और जमीन का नारा देने वालों ने सबको गुमराह किया. यह सिर्फ आपके बीच दुष्प्रचार करते हैं. यह नहीं चाहते कि आदिवासियों का कल्याण हो. कहा कि हमने जल, जंगल और जमीन को संरक्षित किया है. तभी तो 2014 से पूर्व राज्य का 29 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित था. आज 2019 में 33 प्रतिशत हो गया. जल, जंगल व जमीन का नारा लगाने वाले संस्कृति पर हमला करने वाले और विकास विरोधी हैं. इससे पहले सीएम ने सदर अस्पताल में नर्सिंग कौशल कॉलेज का उदघाटन किया.
60 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने उज्जवला दीदी सम्मेलन के दौरान 322 करोड़ की 60 योजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास किया. 205.56 करोड़ की 23 योजनाओं का उद्घाटन और 116.67 करोड़ की 37 योजनाओं का शिलान्यास किया गया. वहीं 31.87 करोड़ परिसंपत्तियों का वितरण लाभुकों के बीच किया.
सीएम ने दिया चुनाव का टास्क
ऑडिटोरियम में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में सीएम ने छोटानागपुर प्रमंडल के सभी पांच जिला गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, रांची व खूंटी के भाजपा नेताओं से चुनावी रणक्षेत्र में कूदने को कहा. बड़े नेताओं को गांव में कैंप-प्रवास करने और आदिवासी नेताओं को क्षेत्र में बने रहने की नसीहत दी गयी. सरकार की योजनाओं को गांव में जाकर बताने व आपसी तालमेल से काम करने के लिए कहा गया.