पालकोट : पालकोट अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को चिकित्सकों की मनमानी के कारण अस्पताल में झाड़ूपोछा लगाने वाली चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से इलाज कराना पड़ रहा है. वहीं चिकित्सक व नर्स अस्पताल में मौजूद रहते हुए भी मरीजों की सुध नहीं ले रहे हैं. अस्पताल में ऐसी ही घटना सोमवार को देखने को मिली. सोमवार को साप्ताहिक हाट से घर लौटने के दौरान डहुडंड़गांव असकल टोली निवासी घुरनी देवी अपने तीन साल के बेटे अजय किड़ो के साथ सड़क हादसे में घायल हो गयी.
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डॉक्टर हैं, फिर भी झाड़ू पोछा करने वाली कर रही हैं इलाज
पालकोट : पालकोट अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को चिकित्सकों की मनमानी के कारण अस्पताल में झाड़ूपोछा लगाने वाली चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से इलाज कराना पड़ रहा है. वहीं चिकित्सक व नर्स अस्पताल में मौजूद रहते हुए भी मरीजों की सुध नहीं ले रहे हैं. अस्पताल में ऐसी ही घटना सोमवार […]
एक वाहन दोनों को धक्का मारते हुए भाग निकला. दोनों मां-बेटे अपना इलाज कराने के लिए पालकोट अस्पताल पहुंचे. उस समय अस्पताल में डॉक्टर कृष्ण मुरानी व नर्स मंजू सिन्हा मौजूद थे, परंतु उन लोगों ने घायल मां-बेटे का इलाज करना मुनासिब नहीं समझा. बाद में अस्पताल में झाड़ूपोछा का काम करने वाली चतुर्थी वर्गीय कर्मचारी ने दोनों मां-बेटे के जख्मों को साफ कर प्राथमिक उपचार किया.
घायल घुरनी देवी ने बताया कि हाट करने पहुंची थी. हाट कर वापस घर की ओर जा रही थी. इसी दौरान एक वाहन ने धक्का मार दिया. इलाज के लिए अस्पताल पहुंची, पर डॉक्टर के स्थान पर झाड़ूपोछा करने वाली महिला ने जख्म पर मरहम-पट्टी की.
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