गुमला: बिशुनपुर थाना के कटिया गांव में गुरुवार की रात भाकपा माओवादियों के हथियारबंद दस्ते ने भाजपा बूथ अध्यक्ष ब्रजेश साहू की गोली मारकर हत्या कर दी. ब्रजेश पेशे से मुर्गा व्यवसायी था. इस बार के लोकसभा चुनाव में श्री साहू ने भाजपा के सांसद सुदर्शन भगत के लिए कसमार क्षेत्र में बेहतर काम किया था. नक्सलियों ने कटिया में लगे बाजार से ब्रजेश का अगवा कर गोलियों से भूना है.
ब्रजेश की हत्या के बाद कटिया गांव में खड़ी बीड़ी लदे ट्रक को भी नक्सलियों ने आगे के हवाले कर दिया. नक्सलियों ने घटना स्थल पर परचा छोड़ा है. जिसमें मृतक ब्रजेश को पुलिस का एसपीओ बताया है. ब्रजेश की हत्या के बाद 12 घंटे तक शव कटिया स्कूल के समीप पड़ा रहा. पुलिस फोर्स की कमी के कारण पुलिस शव उठाने गांव नहीं गयी. शुक्रवार की सुबह चौकीदार के द्वारा शव को ट्रैक्टर में उठवाकर थाना लाया गया.
तीन साल बाद माओवादी दस्तक
पुलिस दबिश के बाद इस इलाके में भाकपा माओवादी बैकफुट में चले गये थे. तीन साल तक माओवादी शांत रहे. लेकिन अचानक माओवादियों ने ब्रजेश की हत्या करने व ट्रक को आग के हवाले करने के बाद अपनी उपस्थिति पुन: दर्ज करा दी है. नक्सलियों के इस वारदात के बाद इलाके में दहशत है.
सांसद ने दोषी को पकड़ने के लिए कहा
भाजपा के बूथ अध्यक्ष ब्रजेश की हत्या की सूचना के बाद सांसद सुदर्शन भगत ने डीसी शशि रंजन व एसपी अंजनी कुमार झा से दूरभाष पर बात की. सांसद ने अधिकारियों से मृतक के परिवार को मुआवजा देने व इस घटना में शामिल दोषियों को पकड़ने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि ब्रजेश भाजपा का मजबूत नेता था. उसकी हत्या से कसमार क्षेत्र में ब्रजेश की कमी खलेगी. ब्रजेश की हत्या भाकपा माओवादी ने किया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. नक्सलियों ने ब्रजेश को क्यों मारा. इसकी जांच की जा रही है. हो सकता है कि कोई पुरानी दुश्मनी का बदला लेने के लिए माओवादियों से कहकर ब्रजेश को मरवा दिया है. जांच के बाद ही हत्या के कारण स्पष्ट होगा.
नागेश्वर प्रसाद सिंह, एसडीपीओ, गुमला
हमलावरों ने ताबड़तोड़ चलायीं गोलियां
कुकड़ू साप्ताहिक हाट में पुलिस गश्ती दल पर हमले का एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी कुकड़ू निवासी गौर महतो सामने आया है. गौर संयोग से हमले के समय हाट में घटनास्थल के पास ही मौजूद था. नक्सलियों के वहां पहुंचने से लेकर पुलिसकर्मियों पर हमले तथा उनके हथियार लूट कर फरार होने तक के घटनाक्रम को कोने में दुबका देखता रहा. गौर ने बताया कि शुक्रवार को कुकड़ू के साप्ताहिक हाट आम हाट के दिनों की तरह ही भीड़ थी. शाम के करीब चार बजे सभी सामान की खरीदारी में मशगूल थे. इसी बीच आदरडीह की ओर से पुलिस का गश्ती वाहन हाट में पहुंच कर रुका.
उसमें सवार पदाधिकारी और जवान वाहन से उतर कर हाट में घूमने लगे. तभी अचानक पांच-छह की संख्या में बाइक पर सवार कुछ अज्ञात लोग वहां पहुंचे और बाइक से उतरते ही पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. हमले की आशंका से अनजान पुलिसकर्मियों को संभलने का भी मौका नहीं मिला, लगातार गोलियां लगने से वे देखते-ही देखते जख्मी होकर धराशायी हो गये. गोलियों की तड़तड़ाहट से हाट में मौजूद दुकानदारों और खरीदारों में भगदड़ मच गयी तथा जिसको जिधर जगह मिली जान बचाकर भाग निकले.
उधर पुलिसकर्मियों के जमीन पर गिरते ही हमलावरों ने उनके हथियार अपने कब्जे में ले लिया और देखते ही देखते बाइक पर सवार होकर वहां से फरार हो गये. पुलिस कर्मियों ने वहीं पड़े-पड़े दम तोड़ दिया. उधर बाजार में अफरा-तफरी मची हुई थी. खरीदार तो भाग ही चुके थे, देखते ही देखते दुकानदारों ने भी सामान समेटा और दुकान बंद कर वहां से भाग लिये. हमले के बाद पुलिसकर्मियों के शव वहीं पड़े हुए थे. देर शाम पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों की गाड़ियों की शोर शुरू हुई.