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गुमला : मृदा स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक खेती जरूरी
बिशुनपुर : कृषि विज्ञान केंद्र विकास भारती बिशुनपुर के अांबेडकर सभागार में विश्व मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पद्मश्री अशोक भगत ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक खेती, जैविक खेती व शून्य लागत की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है. इस देश […]
बिशुनपुर : कृषि विज्ञान केंद्र विकास भारती बिशुनपुर के अांबेडकर सभागार में विश्व मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पद्मश्री अशोक भगत ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक खेती, जैविक खेती व शून्य लागत की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है.
इस देश में सदियों से प्राकृतिक खेती होती आयी है. कुछ वर्षों से रासायनिक खादों के प्रयोग से हमारे खेत बंजर होते जा रहे हैं, इसलिए हमें जैविक केंचुआ खाद का प्रयोग करना चाहिए, ताकि खेतों की उर्वरक क्षमता बनी रहे. मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने कहा कि देश आज मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहा है.
हमें आधुनिक खेती के अलावा पौराणिक खेती पर भी ध्यान देने की जरूरत है. इससे पूर्व राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने विकास भारती स्थित फूड प्रोसेसिंग का अवलोकन किया. साथ ही विभिन्न आयामों के चल रहे प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों से मिलीं. डीपीओ अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि मृदा बहुमूल्य अवयव है, जिसके कारण जीवन संभव हुआ है.
इसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी हमारी है. हमें जल, जंगल का संरक्षण कर इसे बचाने की जरूरत है. साथ ही प्रखंड से आये हुए 20 किसानों को मशरूम का प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. मौके पर महेंद्र भगत, संजय पांडेय, इनो राय, अटल तिवारी, राजन कुमार व श्वेता विश्वकर्मा सहित कई लोग मौजूद थे.
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