स्कूल बंद नहीं करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने उपायुक्त को आवेदन दिया.
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64 साल पहले खुले स्कूल को बंद करने का विरोध
स्कूल बंद नहीं करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने उपायुक्त को आवेदन दिया. गुमला : गुमला सदर प्रखंड के मंगनाटोली में 64 साल पहले खुले स्कूल को बंद किया जा रहा है. मंगनाटोली के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है. स्कूल बंद नहीं करने की मांग को लेकर उपायुक्त को आवेदन दिया है. अर्जुन […]
गुमला : गुमला सदर प्रखंड के मंगनाटोली में 64 साल पहले खुले स्कूल को बंद किया जा रहा है. मंगनाटोली के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है. स्कूल बंद नहीं करने की मांग को लेकर उपायुक्त को आवेदन दिया है. अर्जुन भगत, कुलदीप साहू, तुलसी उरांव, कार्तिक उरांव, संजय साहू, कृष्णा टाना भगत, रंथु खड़िया, पंचू खड़िया, कार्तिक उरांव, माको उरांव, मंगरा खड़िया, गोवर्द्धन साहू, रूपेश भगत, सुबोध कुमार साहू, करमा उरांव, सुनीता उरांव, देवंती देवी, रीता देवी, प्रियंका देवी, सीता देवी, बसंती देवी, जयमती देवी, निरंजनी उरांव, सुकरमणि देवी, फगनी कुमारी, शालो देवी व सीता खड़िया सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1954 में गांव में स्कूल खोला गया.
वर्ष 1966 में गांव के स्कूल को सरकारी स्कूल का दर्जा मिला और गांव का स्कूल राजकीय प्राथमिक विद्यालय बना. स्कूल में मंगनाटोली सहित पड़ोसी मधुवन, मुसाटोली, भभरी व पबेया गांव के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल भवन के लिए गांव के लोगों ने जमीन दान में दी, लेकिन अब स्कूल को बंद किया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल भवन की कमी है. भवन बनने के लिए पैसा भी आया था, लेकिन स्कूल के दो शिक्षक ललित भगत व अशोक कुमार का अपहरण होने के कारण उस समय भवन नहीं बन पाया. वर्तमान में स्कूल में सभी सुविधाएं हैं. स्कूल अच्छी तरह से चल रहा है.
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