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बीरबल का गुमला में था आतंक

एरिया कमांडर का मारा जाना पुलिस बड़ी सफलता मान रही है दुर्जय पासवान गुमला : लातेहार जिला में गुरुवार को पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में मारा गया भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर बीरबल उरांव का गुमला जिले के गुमला, बिशुनपुर, घाघरा व चैनपुर इलाके में आतंक था. उसका पैतृक घर घाघरा प्रखंड के सलगी […]

एरिया कमांडर का मारा जाना पुलिस बड़ी सफलता मान रही है
दुर्जय पासवान
गुमला : लातेहार जिला में गुरुवार को पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में मारा गया भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर बीरबल उरांव का गुमला जिले के गुमला, बिशुनपुर, घाघरा व चैनपुर इलाके में आतंक था.
उसका पैतृक घर घाघरा प्रखंड के सलगी गांव है. बीरबल पर पुलिस विभाग ने दो लाख रुपये का इनाम रखा था. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, बीरबल के खिलाफ गुमला जिले में सात अापराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें नरसंहार की घटना भी है. बीरबल मीडिया प्रेमी भी था. जब भी किसी घटना को अंजाम देता था, वह मीडियाकर्मियों को जरूर फोन करके बुलाता था. उसने घाघरा व गुमला के सीमावर्ती इलाके में जंगल बचाओ मुहिम शुरू किया था.
पतगच्छा जंगल को काटने पर तो उसने रोक लगा दी थी. जंगल से लकड़ी काटने पर वह कई लोगों को पीटा भी था. गुमला शहर के दंपती हत्याकांड के मुख्य आरोपी को बीरबल ने ही लाठी डंडा से पीट कर मार डाला था. वहीं बरांग गांव में घुसे तीन अपराधियों को भी गोलियों से भून दिया था. जिस प्रकार वह अपराध करता था, उसके इलाके में छोटे-मोटे अपराधकर्मी घुसने से डरते थे. ऐसे बीरबल अक्सर पुलिस के खिलाफ काम करते रहा है.
पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में कई बार बीरबल बच निकला था. विधानसभा चुनाव के समय बीरबल ने ही झामुमो का प्रचार वाहन जला दिया था. इसके अलावा आधा दर्जन झामुमो कार्यकर्ताओं की भी पिटाई की थी. घाघरा व गुमला के सीमावर्ती क्षेत्र में वह आतंक मचा रखा था. बीरबल के मारे जाने से पुलिस को राहत मिली है. पुलिस बीरबल की मौत को बड़ी सफलता मान रही है. बीरबल मरने से पहले अक्सर कहता था, जिस पुलिस की गोली में मेरा नाम लिखा है, उसी गोली से मैं मरूंगा. उसने यह भी कहा था कि सरकार व पुलिस को मेरी अहमियत का पता नहीं है, इसलिए मेरे ऊपर बहुत कम इनाम रखा है.
लातेहार को नयाठिकाना बनाया था
बीरबल दो साल पहले गुमला से बदली होकर लातेहार में घुसा था. गुमला में पुलिस दबिश बढ़ने के बाद वह अपने दस्ते के साथ लातेहार में घुसा था. जैसा सूचना है, उसे पुलिस को भ्रमित करने के लिए लातेहार में भेजा गया था, ताकि माओवादी के बड़े नेताओं तक पुलिस पहुंच न सके.
एक करोड़ रुपये का इनामी शीर्ष नेता अरविंद जी जब गुमला में था, तो उसके साथ बीरबल लातेहार चला गया था. बीरबल अक्सर छह बाल दस्ता के सदस्यों के साथ घूमता था. चार साल पहले मीडियाकर्मियों से बीरबल ने कहा था कि ये बाल दस्ता नहीं है, बल्कि प्रशासन व जमींदार से प्रताड़ित युवाओं की टोली है.

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