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नक्सलियों ने सड़क निर्माण रोका, विकास कार्य ठप
दुर्जय पासवान गुमला : घाघरा प्रखंड की दीरगांव व विमरला पंचायत में नक्सलियों ने विकास कार्य रोक दिया है. कई योजनाएं हैं, जिसे नक्सलियों ने बंद करा दिया है. गुटुवा मोड़ से सलामी तक 10 किमी व तुसगांव से काड़ासिल्ली गांव तक पांच किमी सड़क निर्माण महीनों से बंद है. ये दोनों सड़क बीते पांच […]
दुर्जय पासवान
गुमला : घाघरा प्रखंड की दीरगांव व विमरला पंचायत में नक्सलियों ने विकास कार्य रोक दिया है. कई योजनाएं हैं, जिसे नक्सलियों ने बंद करा दिया है. गुटुवा मोड़ से सलामी तक 10 किमी व तुसगांव से काड़ासिल्ली गांव तक पांच किमी सड़क निर्माण महीनों से बंद है. ये दोनों सड़क बीते पांच सालों से बन रही है.
करोड़ों रुपये लागत है. सड़क का कुछ काम हुआ है, लेकिन नक्सलियों ने बीच में काम बंद कर दिया. नक्सली अभी भी इसी क्षेत्र में जमे हुए हैं. डर से ठेकेदार गांव नहीं जा रहे हैं. इंजीनियर तो कभी गये ही नहीं है. यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही है. प्रशासन के अनुसार, एनपीसीसी सड़क बनवा रही है.
रांची के ठेकेदार ने ठेका लिया है. जैसा लोगों ने बताया. इस क्षेत्र में भाकपा माओवादी, जेजेएमपी व झांगुर गुट के नक्सली हावी हैं. कभी एक संगठन, तो कभी दूसरा संगठन काम बंद करा देता है. जिस कारण पांच सालों ये दोनों सड़क नहीं बन पायी है. इतना ही नहीं, हेदमी, तुसगांव व आसपास के कई स्कूलों में भाकपा माओवादियों ने नारे लिखे हैं, जिसे डर से कोई नहीं मिटा रहा है. जिन स्कूलों में माओवादियों ने स्लोगन लिखा है. उन स्कूलों के बच्चे स्कूल में पाठ (पुस्तक) पढ़ने से पहले दीवार में लिखे माओवादी जिंदाबाद का स्लोगन पढ़ते हैं.
तुसगांव व सनईटांगर इलाके में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली है. पुलिस उस क्षेत्र में जल्द ऑपरेशन लांच करेगी, ताकि नक्सलियों को खदेड़ा या मारा जा सके. विमरला व दीरगांव सहित नजदीक के पंचायतों के विकास के लिए कुरूमगढ़ एक्शन प्लान बनाने की योजना है.
अंशुमान कुमार, एसपी, गुमला
नक्सलियों द्वारा सड़क निर्माण कार्य रोका गया है. इसकी जानकारी मिली है. चूंकि सड़क अभी एनपीसीसी से बनायी जा रही है. उन्होंने सड़क बनाने के लिए फोर्स नहीं मांगा है. उक्त सड़क को अब आरसीडी के माध्यम से बनवाया जायेगा. इसके लिए सरकार को पत्र लिखा जायेगा.
श्रवण साय, डीसी, गुमला
सरकार को पत्र लिखने का निर्देश
दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल, रांची के आयुक्त दिनेश चंद्र मिश्र ने जिन इलाकों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क बन रही है, उन गांवों में आरसीडी से सड़क बनवाने के लिए कहा है.
इसके लिए आयुक्त ने गुमला डीसी श्रवण साय को सरकार को पत्र लिखने का आदेश दिया है, ताकि नक्सल प्रभावित गांव जहां काम बंद है, वहां आरसीडी से पुलिस फोर्स की उपस्थिति में सड़क बनवायी जा सके. श्री मिश्र ने कहा कि जिन सड़कों को नक्सलियों द्वारा बंद करा दिया गया है, उन सड़कों को तभी पूरा किया जा सकता है, जब पुलिस फोर्स की निगरानी में सड़क बने. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बनारी से जोरी होते हुए बनालात तक नक्सली सड़क बनने नहीं दे रहे थे. अंत में पुलिस फोर्स की निगरानी में सड़क बनवायी गयी, जिससे आज 32 गांव के लोगों को आवागमन का सुगम साधन हो गया है.
पहले पुलिस पिकेट फिर थाना स्थापित होगा डीसी श्रवण साय व एसपी अंशुमान कुमार ने तुसगांव दौरा के क्रम में पुलिस फोर्स के ठहरने के लिए स्थल का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने कुछ स्थानों को चिह्नित किया है, जहां पहले पुलिस पिकेट की स्थापना की जायेगी. बाद में पुलिस पिकेट को स्थायी थाना के रूप में स्थापित कर दिया जायेगा. अधिकारियों का मानना है कि इस क्षेत्र का अगर विकास करना है, तो पहले पुलिस की तैनाती जरूरी है. इसके लिए गुमला जिला प्रशासन पहल कर रही है.
ग्रामीणों ने लड़ पीसीसी सड़क बनायी थी
रूकी घाटी में तीन किमी पीसीसी सड़क है, जिसे नक्सलियों ने छह साल पहले रोक दिया था.सड़क नहीं रहने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही थी. रूकी घाटी में हादसे में लोग मर रहे थे. अंत में लोगों ने गांव में बैठक की थी. नक्सलियों से अपील की थी कि सड़क बनने दें. इसके बाद नक्सलियों ने अपना प्रभाव हटाते हुए उक्त सड़क को बनने दिया था. इधर, फिर इस क्षेत्र में विकास के कामों को लेकर ग्रामीण एकजुट होने लगे हैं.
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