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परमवीर चक्र अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना ने कहा : नेता मन पक्का घर में रहा थइन, मोर घर टूटल आहे

!!दुर्जय पासवान, गुमला!! परमवीर चक्र विजेता लान्स नायक शहीद अलबर्ट एक्का का तीन दिसंबर को शहादत दिवस है. इस दिन राज्यभर में कई कार्यक्रम होता है. लेकिन देश के लिए शहीद होने वाले अलबर्ट एक्का का परिवार आज टूटे फूटे घर में रहने को विवश है. शहीद की पत्नी बलमदीना एक्का ने कहा है कि […]

!!दुर्जय पासवान, गुमला!!

परमवीर चक्र विजेता लान्स नायक शहीद अलबर्ट एक्का का तीन दिसंबर को शहादत दिवस है. इस दिन राज्यभर में कई कार्यक्रम होता है. लेकिन देश के लिए शहीद होने वाले अलबर्ट एक्का का परिवार आज टूटे फूटे घर में रहने को विवश है. शहीद की पत्नी बलमदीना एक्का ने कहा है कि मेरा घर टूटकर गिर रहा है. लेकिन सरकार व प्रशासन का ध्यान नहीं है. बरसात में घर गिरा था. जिसका अभी तक मरम्मत नहीं हुई है. जबकि मैंने प्रशासन से घर बनवाने की मांग की थी. बलमदीना ने राज्य सरकार से टूटे घर को बनवाने की मांग की है. 1942 ईस्वी में जिस खपड़ैल घर में अलबर्ट एक्का का जन्म हुआ था. उस घर की मरम्मत हो. पांच कमरे थे. तीन कमरे गिर गया. दो कमरे है. वह भी गिरने के कगार पर है. उस घर में अभी कोई नहीं रहते हैं. ताला लगाकर घर को रखते हैं. उन्होंने कहा कि नेता मन पक्का घर में रहा थइन, मोर घर टूटल आहे. मोर घर भीखमंगा जैसन आहे.
जारी प्रखंड में इलाज की नहीं है व्यवस्था
बलमदीना ने कहा : आजादी के 67 साल बाद भी जारी प्रखंड में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. अस्पताल भवन बन रहा है. पर आठ सालों से अधूरा है. ब्लॉक भवन अधूरा है. सड़क खराब है. हाल में करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़क टूट गयी. बड़ी मुश्किल से सफर करना पड़ता है.
प्रखंड की दुर्दशा पर चिंतित
बलमदीना जारी प्रखंड का विकास नहीं होने से चि¨तत है. उन्होंने कहा है कि मेरे पति के नाम से जारी को प्रखंड का दर्जा मिला. प्रखंड बने आठ साल हो गया. पर आज भी जारी प्रखंड का संपूर्ण विकास नहीं हो सका है. सरकार हमारे जारी प्रखंड की ओर ध्यान दें. लोगों को गांव में रोजगार मिले. सिंचाई व स्वास्थ्य सुविधा हो.
बलमदीना लाठी टेक कर चलती है
बलमदीना लाठी टेक कर चलती है. घर पर उसके लिए एक कुर्सी है. जहां अक्सर वह बैठे रहती है. शनिवार की सुबह को प्रभात खबर के प्रतिनिधि शहीद के चैनपुर प्रखंड के प्रेम नगर स्थित नये घर पहुंचे. उस समय बलमदीना कुर्सी पर बैठी हुई थी. उसने कहा कि अब बूढ़ी हो गयी हूं. अक्सर तबीयत खराब रहती है. उसने अपने पति की कुछ अतीत की कहानी बतायी. उन्होंने कहा : उसके पति के शहीद होने के बाद सेना के अधिकारी उसे और उसके बेटे भिसेंट एक्का को ढाका व गंगा सागर ले गये थे. जिस स्थल पर युद्ध हुआ था. उस स्थान को दिखाया था. मेरे शहीद पति का समाधि स्थल भी गया. वहां से मिट्टी लेकर आयी हूं. जारी के पैतृक घर के बगल में समाधि स्थल है. लेकिन घेराबंदी व समाधि स्थल मिट्टी के होने के कारण चारों ओर झाड़ी उग आया है.
छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है शहीद का प्रखंड
जारी प्रखंड छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ है. 19 मार्च 2010 को प्रखंड बने जारी में पांच पंचायत है. इसमें 60 गांव आता है. आबादी 30 हजार 926 है. यह पहला प्रखंड है जहां सोलर से बिजली जलती है. लेकिन कुछ ही इलाकों तक बिजली है. ग्रामीण विद्युतिकरण के तहत कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. तीन साल पहले एक करोड़ से बनी सड़क टूट गया. टेन प्लस टू स्कूल शुरू हुई. लेकिन गणित व साइंस के शिक्षक नहीं. पारा शिक्षक किसी प्रकार इंटर के छात्रों को पढ़ा रहे हैं.

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