लॉरेटो सिस्टर ने जहां स्कूल के नन्हें-नन्हें बच्चों का अनुशासन व कला प्रेम को देख कर सराहना की. वहीं बच्चों में तीन भाषाओं (पारंपरिक भाषा, हिंदी एवं अंग्रेजी) के ज्ञान से प्रभावित हुईं. सिस्टर एमेल्डा ने कहा कि यहां के बच्चे विलक्षण हैं. बच्चे जहां अपनी पारंपरिक भाषा के साथ अपनी मातृभाषा हिंदी से वाकिफ हैं, वहीं अंग्रेजी भाषा को भी आत्मसात करने में लगे हैं. सिस्टर एमेल्डा ने कहा कि बच्चे अभी छोटे हैं. बड़े होने के साथ इनका ज्ञान भी बढ़ेगा. इन्हीं बच्चों के माध्यम से स्कूल की एक अलग पहचान बनेगी. वहीं सिस्टर एमेल्डा ने स्कूल की कक्षाओं का जायजा लिया और स्कूल के साथ स्कूल में बनाये गये शैक्षणिक माहौल की भूरि-भूरि प्रशंसा की. इस दौरान सिस्टर एमेल्डा ने स्कूल प्रबंधन और स्कूल के बच्चों से अपना कार्यानुभव भी साझा किया.
उन्होंने बताया कि वह अल्बेनिया में बच्चों की तस्करी पर रोक लगाने का कार्य कर रही संस्था से जुड़ कर कार्य कर रही है. वहीं स्कूल के नन्हें-नन्हें बच्चों ने लॉरेटो सिस्टर के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. मौके पर रेक्टर फादर ख्रीस्टोफर लकड़ा, संत इग्नासियुस हाई स्कूल प्लस टू के प्राचार्य फादर मनोहर खोया, इंग्लिश मिडियम स्कूल के प्राचार्य फादर रविभूषण खेस, सिस्टर शकुंतला, सिस्टर स्वाति, सिस्टर दीप, सिस्टर ज्योति सहित स्कूल के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं व बच्चे उपस्थित थे.