गुमला: जिले का कृषि विभाग भगवान भरोसे चल रहा है. जिला से लेकर प्रखंड कार्यालय तक में सृजित पदों के विरुद्ध कम पदों पर पदाधिकारी व कर्मी कार्यरत हैं. जिस कारण जिले के कृषि कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जिला कृषि कार्यालय गुमला में 12 पद स्वीकृत हैं. इसके विरुद्ध महज पांच पदों पर ही पदाधिकारी व कर्मी कार्यरत हैं.
इसी प्रकार अनुमंडल कृषि पदाधिकारी (सा.) कार्यालय गुमला में सात स्वीकृत पद के विरुद्ध महज एक पद पर कर्मी कार्यरत हैं, जबकि छह पद रिक्त पड़ा हुआ है. वहीं कार्यालय अनुमंडल कृषि पदाधिकारी (सा.) कार्यालय गुमला के प्रक्षेत्र शाखा में 34 पद के विरुद्ध महज एक ही पद पर पदाधिकारी पदस्थापित हैं, जबकि 33 पदों पर न तो पदाधिकारी हैं और न ही कर्मी हैं.
जिला कृषि कार्यालय गुमला
पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत पद रिक्त पद
जिला कृषि पदाधिकारी 01 01 00
सहायक कृषि पदाधिकारी 03 00 03
सांख्यिकी पदाधिकारी 01 01 00
प्रधान लिपिक 01 00 01
आशुलिपिक 01 00 01
लेखापाल 01 00 01
लिपिक 01 01 00
जीप चालक 01 01 00
आदेशपाल 01 01 00
रात्रि प्रहरी 01 00 01
कार्यालय अनुमंडल कृषि पदाधिकारी (सा.) कार्यालय गुमला
पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत पद रिक्त पद
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी 01 00 01
कृषि निरीक्षक 01 00 01
प्रधान लिपिक 01 00 01
पत्राचार लिपिक 01 01 00
जीप चालक 01 00 01
रात्रि प्रहरी 01 00 01
आदेशपाल 01 00 01
प्रक्षेत्र शाखा
पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत पद रिक्त पद
कृषि निरीक्षक 01 00 01
प्रक्षेत्र लेखापाल 01 00 01
प्रक्षेत्र सहायक 07 00 07
प्रक्षेत्र सरदार 01 00 01
ट्रैक्टर चालक 03 00 03
हलवाहा 19 00 19
प्रक्षेत्र लिपिक 01 01 00
आदेशपाल 01 00 01
प्रखंड कृषि पदाधिकारी विहीन है जिला : जिले के अलावा यदि प्रखंड की बात करें, तो जिले में सदर प्रखंड मुख्यालय सहित 12 प्रखंड मुख्यालय हैं, लेकिन जिले के किसी भी प्रखंड में प्रखंड कृषि पदाधिकारी नहीं हैं. प्रखंडों में ही कार्यरत कर्मी को प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी बना कर काम चलाया जा रहा है.
रिक्त पदों की पूर्ति को लेकर विभाग लाचार : जब तक विभाग को सरकार की ओर से पदाधिकारी व कर्मी नहीं दिया जाता है, तब तक रिक्त पदों को भरना मुश्किल है. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी डॉ रमेशचंद्र सिन्हा से बात करने पर उन्होंने बताया कि रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर प्रत्येक माह विभाग से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन अब तक न तो विभाग की ओर से हैंड (पदाधिकारी व कर्मी) दिया जा रहा है और न ही सरकार की ओर से.