गुमला: पहाड़ की चोटी पर स्थित माता अंजनी व भगवान हनुमान जी की मंदिर तक पहुंचने में भक्तों को परेशानी नहीं होगी. एक महीने के अंदर अधूरा सड़क बन कर तैयार हो जायेगी. इसके बाद आसानी से भक्त पहाड़ पर चढ़ सकते हैं. दो पहिया व चार पहिया गाड़ी सरपट दौड़ेगी. आंजनधाम के विकास की जो भी अड़चन थी, सभी दूर हो गयी है. एक सप्ताह के अंदर वन विभाग से एनओसी मिल जायेगा.
इससे आंजनधाम में विकास का काम तेजी से होगा. यह सब हुआ है मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के आंजनधाम दौरे से. शनिवार को राजबाला वर्मा आंजनधाम देखने पहुंचीं थीं. यहां पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने डीसी श्रवण साय को आंजनधाम के विकास के लिए दिशा-निर्देश दिया. सचिव ने डीसी से कहा कि पहाड़ पर पानी की समस्या है. यहां चापानल लगाये. श्रद्धालुओं व पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था हो. आंजनधाम में जो भी कमी है. उसे हरहाल में दूर करें. आंजनधाम को सुंदर बनाना है.
सचिव ने पीपल का पौधा लगाया
आंजनधाम पहुंचने पर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा व पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद ने मंदिर की सीढ़ी के अगल-बगल पीपल का पौधरोपण किया. उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिया कि इस क्षेत्र को हरा-भरा रखने के लिए हर संभव प्रयास करें. यह मिनी कश्मीर से कम नहीं है. इसकी सुंदरता खत्म न हो.
एसपी ने सुरक्षा की कमान संभाली
मुख्य सचिव के दौरा को लेकर पुलिस विभाग अलर्ट था. खुद एसपी चंदन कुमार झा सुरक्षा की कमान संभाले हुए थे. कड़ी सुरक्षा के बीच सचिव सड़क मार्ग से होकर आंजन गयी. शुरू में हेलीकॉप्टर से आने की संभावना थी. लेकिन हेलीपैड के लिए पहाड़ पर जगह नहीं होने के कारण सड़क मार्ग से पहुंचीं.
आंजनधाम की खूबियां व इतिहास
आंजनधाम गुमला प्रखंड में है. गुमला से 20 किमी दूर है. यहीं भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. अंजनी मां का निवास स्थान था. यहां देखने के लिए कई प्राचीन धरोहर है.
पहाड़ की चोटी पर भगवान हनुमान की मंदिर है. यह पूरे देश का पहला मंदिर होगा जहां माता अंजनी की गोद में भगवान हनुमान बैठे हुए हैं. यहां की हसीन वादियां दिल को रोमांचित करती है. यहां अंजनी माता, भगवान हनुमान, राधाकृष्ण, राम-लक्ष्मण व सीता समेत भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है. यहां 360 शिवलिंग व उतने ही तालाब हैं.
आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में आठ शिवलिंग दो पंक्तियों में स्थापित है. जिन्हें अष्टांभु कहा जाता है. अष्टांभु के निकट ब्राह्मी सांढ़ व बसाहा स्थापित है. चक्रधारी शिवलिंग के अति निकट एक त्रिशूल स्थापित है. मंदिर के नीचे सर्प गुफा है. गुफा मिट्टी के टीला से ढका था. हाल में ही भक्तों ने गुफा का दरवाजा खोला है. गुफा 15 सौ फुट से अधिक लंबा है.
आंजनधाम में जो भी कमी है, उसे दूर किया जायेगा. इसे झारखंड राज्य के प्रमुख पर्यटक व धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके लिए आंजनधाम में विकास का काम शुरू कर दिया गया है. दो महीने बाद बदलाव आयेगा.
श्रवण साय, डीसी, गुमला
वन विभाग अपने स्तर से इस क्षेत्र के विकास का काम करेगी. इसके लिए टोटो से लेकर पहाड़ पर स्थित मंदिर तक सड़क के दोनों छोर पर पौधरोपण व फूल लगाया जायेगा. मुख्य सचिव का निर्देश है. जल्द काम पूरा करें. सड़क भी जल्द बनेगी.
एके सिंह, डीएफओ, गुमला
एनओसी नहीं मिलने के कारण एक किमी सड़क का काम ठप था. लेकिन अब सारी प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है. एक सप्ताह के अंदर अधूरे सड़क का काम शुरू होगा और एक महीने में सड़क बन कर तैयार हो जायेगा.
विनोद कच्छप, ईई, पीडब्ल्यूडी