गुमला: छात्र 29, शिक्षक चार, फिर भी पढ़ाई चौपट है. यह हाल गुमला प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मवि झरगांव का है. स्कूल में 80 छात्र नामांकित हैं, लेकिन प्रत्येक दिन मात्र 29 छात्र ही स्कूल आते हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि झरगांव मॉडल विलेज है. दिल्ली में झरगांव में हुए बेहतर काम को लेकर पुरस्कृत किया गया है, लेकिन इस मॉडल विलेज के स्कूल की दुर्दशा देखने लायक है. पढ़ाई के वक्त कुत्ते भी स्कूल में घुस जाते हैं. स्कूल के शौचालय में हर समय ताला लगा रहता है. बच्चे खुले में शौच जाते हैं.
इस संबंध में एचएम दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि शौचालय मेंटनेंस के लिए 50 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं, लेकिन संवेदक द्वारा कार्य ढंग से नहीं करने पर उसका भुगतान नहीं किया गया है. शौचालय बंद रहता है. शुक्रवार को एमडीएम में दाल-भात व हरी सब्जी देनी थी, लेकिन संयोजिका द्वारा भात-दाल व आलू की सब्जी बनायी गयी थी. शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एमडीएम में साफ-सफाई बरतने का निर्देश देते हैं, लेकिन झारगांव का किचन गंदगी से भरा हुआ था.
विद्यालय में दो स्थायी शिक्षक प्रभारी एचएम दीपेंद्र चौधरी व शिक्षक राजेश कुमार सोनी हैं, जबकि दो शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर हैं. इनमें डुमरी कोकावल स्कूल के दयाशंकर मिश्र व इूरो फटकपुर से सुनीता कुमारी शामिल हैं. सुनीता की प्रतिनियुक्ति वर्ष 2012 व दयाशंकर की प्रतिनियुक्ति 2013 में हुई है. प्रतिनियुक्ति तिथि तीन माह समाप्त होने के बाद भी कोई नया प्रतिनियुक्ति पत्र विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है. वे दोनों शिक्षक राजकीय उत्क्रमित मवि से अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर अपना वेतन नियमित रूप से उठा रहे हैं, जिसे देखने वाला कोई अधिकारी नहीं है. शिक्षकों की उपस्थिति पंजी को एचएम अपने घर पर रखते हैं. जुलाई माह से नया रजिस्टर खोल कर उसका संचालन कर रहे हैं. एमडीएम का रजिस्टर जनवरी 2017 तक ही अपडेट पाया गया.
स्कूल प्रभारी एचएम की भी सुनिये
स्कूल के प्रभारी एचएम से दीपेंद्र चौधरी से विद्यालय में बच्चों की कम उपस्थिति के संबंध में पूछने पर बताया कि खेतीबारी का समय है, इसलिए बच्चे कम हैं. एमडीएम में हरी सब्जी नहीं है पूछने पर कहा कि माता समिति ही इसकी देखरेख करती है, इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता हूं. एमडीएम रजिस्टर अपडेट नहीं होने पर कहा कि बहुत काम हो जाता है, इसे अपडेट नहीं किया जा सका है. वहीं रजिस्टर नहीं होने की बात पर कहा कि स्कूल समयावधि में काम नहीं हो पाता है, इसलिए घर में ले गया हूं.
दो शिक्षक पांच वर्षों से जमे हैं. इसकी मैं बीइइओ के माध्यम से जांच कराऊंगा. जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर वापस उनके स्कूल में योगदान कराते हुए कार्रवाई की जायेगी.
गनौरी मिस्त्री, डीएसइ, गुमला