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अनाथों की मां वंदना को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

गोड्डा : गोड्डा की वंदना दुबे को साेमवार को नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राजीव गांधी मानव सेवा अवार्ड से नवाजा. यह सम्मान वंदना को बाल कल्याण व विकास के लिए उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के लिए दिया गया. सम्मान स्वरूप उन्हें बाल कल्याण एवं विकास विभाग के मंत्रालय की […]

गोड्डा : गोड्डा की वंदना दुबे को साेमवार को नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राजीव गांधी मानव सेवा अवार्ड से नवाजा. यह सम्मान वंदना को बाल कल्याण व विकास के लिए उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के लिए दिया गया. सम्मान स्वरूप उन्हें बाल कल्याण एवं विकास विभाग के मंत्रालय की सचिव लीना नायर के हस्ताक्षरयुक्त सर्टिफिकेट व नगद एक लाख और रजत मेडल दिया गया.

पुरस्कार पानेवालों में कम उम्र की है वंदना : वंदना दुबे देश भर में पुरस्कार पाने वाली महिलाओं में सबसे कम उम्र की है. साथ ही झारखंड से पुरस्कार पाने वाली पहली महिला है.
वंदना से मिलीं मेनका गांधी बोलीं, गोड्डा आयेंगे : समारोह में वंदना दुबे से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुलाकात की.
अनाथों की मां वंदना…
मेनका गांधी ने उनसे हाल जाना और गोड्डा आने का आश्वासन दिया. साथ गोड्डा में उनके आश्रम को देखने की बात कही. वंदना राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर में भी शामिल हुई.
वंदना का कार्य एक नजर में
वंदना कुमारी ने वर्ष 2005 में स्थानीय साकेतपुरी मुहल्ले में छोटे से मकान में 10 अनाथ बच्चों के साथ अनाथ आश्रम का संचालन शुरू किया. पढ़ाई के साथ वंदना आश्रम में अनाथ बच्चों का लालन-पालन किसी तरह किया. देखते ही देखते 38 बच्चों के पालन पोषण व पढ़ाई का जिम्मा उठाने लगी. वंदना कई बार अपने बच्चों को मुफलिसी में रहकर भी नमक चावल के साथ मां की तरह पालन पोेषण किया. कई बार उसे रात रात भर बच्चों के बीमार होने पर जगकर रहना पड़ा है. बगेर सरकारी सहयोग के ही वंदना ने जिले में आने वाले हर एक पदाधिकारी के साथ साथ आम व बुद्धिजीवीयोें के लिये उदाहरण बनी रही.
29 साल की वंदना की बच्चों की सेवा का परिनाम आज राष्ट्र के सामने है. वंदना के पुरस्कार पाने से पूरा जिला व राज्य एक महिला के सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण मान रहा है.
बाल कल्याण व विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य पर मिला राजीव गांधी मानव सेवा अवार्ड
नगद एक लाख, चांदी का मेडल व प्रशस्ति-पत्र मिला
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होकर खुश हूं. इसका श्रेय जिले के लोगों को जाता है. जिन्होंने हर समय सहयोग किया. खासकर मीडिया के सहयोग की जितनी भी तारीफ की जाये कम है. क्योंकि उन्होंने ही आज राष्ट्र के पहले व्यक्ति के हाथों सम्मान पाने योग्य बनाया. इसके लिए सभी को बधाई देती हूं.
– वंदना कुमारी, संचालिका, स्वामी विवेकानंद अनाथ आश्रम

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