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ओके::आपात बैठक कर सीएस व डीएस ने लिये कई अहम प्रस्तावफ्लैग-10 माह के नवजात शिशु के मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग व सदर अस्पताल प्रबंधन की खुली नींद -अब गंभीर रोगियों के इलाज के पूर्व परिजनों को देना होगा लिखित आवेदन-आज से लागू कर दी जायेगी नयी व्यवस्था तस्वीर: 16 बैठक में सीएस व अन्य, […]

ओके::आपात बैठक कर सीएस व डीएस ने लिये कई अहम प्रस्तावफ्लैग-10 माह के नवजात शिशु के मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग व सदर अस्पताल प्रबंधन की खुली नींद -अब गंभीर रोगियों के इलाज के पूर्व परिजनों को देना होगा लिखित आवेदन-आज से लागू कर दी जायेगी नयी व्यवस्था तस्वीर: 16 बैठक में सीएस व अन्य, 17 अस्पताल का ओपीडी, 18 प्रमाण पत्र जांच कराती एएनएमनगर प्रतिनिधि, गोड्डाभेड़ा गांव के 10 माह के नवजात शिशु रोशन कुमार के मौत के बाद सदर अस्पताल के व्यवस्था में सुधार लाने के लिये शुक्रवार को अस्पताल के डीएस कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग व अस्पताल प्रबंधन की संयुक्त बैठक हुई. जिसमे सिविल सर्जन डॉ सीके शाही भी उपस्थित थे. इस दौरान उपस्थित चिकित्सकों ने विमर्श के बाद कई प्रस्ताव लिया. डॉ शाही ने अस्पताल मैनेजर मुकेश कुमार को लिये गये प्रस्ताव को अपडेट कराने का निर्देश दिया. अस्पताल मैनेजर श्री कुमार ने बताया कि लिये गये प्रस्ताव में मुख्य तौर पर सदर अस्पताल में गंभीर रोगियों का सर्वप्रथम इलाज किया जायेगा. इसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सक को कॉल कर मरीज का इलाज कराया जायेगा. यदि कोई चाइल्ड पेशेंट है तो चाइल्ड स्पेशलिस्ट को कॉल किया जायेगा. इसके अलावा फिजिसियन चिकित्सक और रोग से संबंधित चिकित्सक को कॉल कर इलाज करेंगे. दिन हो या रात स्पेशलिस्ट चिकित्सक को कॉल करने पर उन्हें मरीज के इलाज के लिये आना होगा. इसके लिये चिकित्सकों को मोबाइल सुविधा देने का प्रस्ताव लिया गया है. मरीजों से सहानुभूतिपूर्वक बातचीत करनी है. गंभीर रोगी की अगर मौत हो जाती है तो उनके परिजन को रोगी की स्थिति के बारे में बता कर घर भेजना है. बताया कि यह भी प्रस्ताव लिया गया कि गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचने वाले रोगी के परिजन से ईलाज से पूर्व यह लिखित लेना है कि रोगी का बेहतर ढंग से इलाज किया जायेगा. यदि रोगी की मौत हो जाती है तो इसकी जिम्मेवारी अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सक की नहीं होगी. बैठक के बाद सीएस डॉ शाही द्वारा नये अस्पताल भवन के ओपीडी, ओटी,ड्रेसिंग रूम, आपातकालीन सुविधा आदि जगह को चिह्नित कर शनिवार से नयी व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने का निर्देश दिया. इस दौरान डीएस डॉ डीके चौधरी, यूनिसेफ को-ऑर्डिनेटर धनंजय त्रिवेदी सहित सभी महिला व पुरुष चिकित्सक के अलावा अस्पताल में कार्यरत नर्स, एएनएम व स्टाॅफ उपस्थित थे.—————————–पूर्व विधायक के पीए ने आइएमए अध्यक्ष पर गलत बयान देने पर जतायी नाराजगीपूर्व विधायक संजय यादव के पीए विजय मंडल ने गुरुवार को 10 माह के शिशु के मौत के बाद आइएमए अध्यक्ष द्वारा गलत बयान देने पर नाराजगी जतायी है. श्री मंडल ने कहा कि आइएमए अध्यक्ष द्वारा जो कहा गया कि चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, अच्छी बात नहीं है. यह साबित करके दिखाएं कि चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. कहा कि अगर किसी गरीब व दबे-कुचले बच्चे की मृत्यु चिकित्सक की लापरवाही के कारण हुई तो उस पर बोलना क्या दुर्व्यवहार है.आइएमए अध्यक्ष बयान से पलटेआइएमए अध्यक्ष डॉ रामजी भगत ने कहा कि चिकित्सक व मरीज के बीच बेहतर ताल-मेल होना चाहिए. अध्यक्ष श्री भगत ने कहा कि मेरे व श्री मंडल के बीच वार्ता के दौरान ऐसी कोई बात नहीं हुई है.—————————–सीएस ने कहा डायरिया से नहीं शिशु की इंसेफलाइटिस बीमारी से हुई मौतशुक्रवार को सीएस डॉ सीके शाही ने कहा कि 10 माह के शिशु की मौत डायरिया से नहीं बल्कि इंसेफलाइटिस बीमारी से हुई है.——————————झालसा के निर्देश पर आज ओपीडी सेवा रहेगी ठपनगर प्रतिनिधि, गोड्डाझारखंड मंत्री मंडल द्वारा लिये गये निर्णय चिकित्सकों के अवकाश की स्वीकृति देने का अधिकार मुखिया को देने से नाराज झालसा ने एकदिनी ओपीडी बंद करने का एलान किया है. झालसा के जिला सचिव डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ के निर्देश पर राज्यस्तर पर शनिवार को चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे. आकस्मिक सेवा को छोड़ कर शनिवार को विरोध में सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा ठप रखी जायेगी. डॉ टेकरीवाल ने बताया कि इस मामले की जानकारी उपायुक्त, सीएस, एसडीओ, डीएस व सभी चिकित्सा पदाधिकारी को लिखित रूप से दी गयी है. ——————————अनुबंध एएनएम के प्रमाण पत्र की जांचनगर प्रतिनिधि, गोड्डास्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव के विद्यासागर के निर्देश पर सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में एएनएम आदि स्वास्थ्य कर्मियों की प्रमाण पत्रों की जांच की गयी. जांच पदाधिकारी डॉ अंबिका प्रसाद सिंह व डॉ राम प्रसाद द्वारा जिले के 325 अनुबंध एएनएम, पांच ए ग्रेड नर्स, 10 एलटी, पांच फार्मासिस्ट, तीन एक्स-रे तकनीशियन के प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. मूल प्रति से छाया प्रति का मिलान किया जा रहा है. बताया कि मिलान के बाद जिस संस्थान से प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है, उस संस्थान से भी प्रमाण पत्रों की जांच पड़ताल करायी जायेगी.

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