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गोड्डा : गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया सुंदरपहाड़ी
गोड्डा : वन और पहाड़ों से आच्छादित सुंदरपहाड़ी की सुंदर वादियां शनिवार को गोलियों की आवाज से थर्रा उठी. कटहलडीह गांव की घटना ने पूरे सुंदरपहाड़ी सहित जिले के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है. हालांकि क्षेत्र में छह वर्ष पूर्व ही नक्सलियों ने दस्तक दे दी थी. लेकिन शनिवार की घटना ने इस […]
गोड्डा : वन और पहाड़ों से आच्छादित सुंदरपहाड़ी की सुंदर वादियां शनिवार को गोलियों की आवाज से थर्रा उठी. कटहलडीह गांव की घटना ने पूरे सुंदरपहाड़ी सहित जिले के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है.
हालांकि क्षेत्र में छह वर्ष पूर्व ही नक्सलियों ने दस्तक दे दी थी. लेकिन शनिवार की घटना ने इस बात को साबित कर दिया कि नक्सलियों ने ठिकाना ढ़ूढते हुये पूरे क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया है. कटहलडीह गांव में नक्सलियों की पूरी जमात पूरी तरह से कैंप कर रही थी. शनिवार की घटना ने इस बात को साबित कर दिया. हालांकि सुंदरपहाड़ी में नक्सली घटना को विकास कार्यों में नक्सलियों के दखल के रूप में भी देखा जा रहा है. सूत्र बतातें हैं कि सुंदरपहाड़ी के कटहलडीह गांव तक बनने वाली सड़क, पुल-पुलिया आदि को लेकर नक्सलियों के भौंहे तन गये हैं.
करीब दो घंटे लगे रेस्क्यू कर शहीद के शरीर को डमरू तक लाने में
एसपी को सूचना के बाद बड़ी संख्या में जवानों को लेकर संजीव कुमार कटहलडीह गांव पहुंचे और रेस्क्यू कर शहीद जवान सुजीत कुमार तथा सुरेंद्र कुमार साहू को डमरू पिकेट तक लाया. इस बीच मौका का फायदा उठा कर नक्सली दूर जंगल की ओर भाग निकले.
नक्सलियों ने बाबूलाल हेंब्रम के घर को बनाया था कैंप
शनिवार की घटना में नक्सली की गतिविधि की सूचना के बाद सुंदरपहाड़ी थाना प्रभारी सत्येंद्र प्रसाद अपने जवानों के साथ डमरू स्थिति एसएसबी के पुलिस पिकेट से करीब 30 की संख्या में जवानों को लेकर सीधे कटहलडीह पहुंचे. मुख्य रास्ते को छोड़ खेत व जंगल के रास्ते से कटहलडीह गांव को जवानों ने घेर लिया. जवानों के मुताबिक नक्सली उस वक्त भोजन की तैयारी कर रहे थे. इस बात का आभास होते ही कि नक्सली चारों ओर से घिर गये हैं.
बाबूलाल हेंब्रम के घर से अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पिछले दरवाजे से भागने के क्रम में सामने एसएसबी के जवान सुजीत कुमार एवं दूर से मोरचा संभाले जिला पुलिस के जवान सुरेंद्र कुमार साहू के एसएलआर राइफल व हाथ में कई गोलियां लगी. पीठ में गोली लगने के बाद वह जमीन पर गिर पड़ा. इधर, अन्य जवानों की ओर से फायरिंग जारी थी. लेकिन नक्सलियों ने रेंज लेते हुए पहाड़ के उपर से गोली बरसाना शुरू कर दिया. गोलियां चालते हुये नक्सली जंगल की ओर भाग निकले.
दीवारों में गोलियाें के निशान बता रहे मुठभेड़ की कहानी
नक्सली और पुलिस के बीच हुए मुठभेड़ में बाबूलाल हेंब्रम तथा आस-पास के घर की दीवारों पर चली गोलियों के सैकड़ों दरख्त घटना की पूरी कहानी बयां कर रही है. दीवारों में बड़े-बड़े छेद तथा नीचे गिरे खोखा ने इस घटना को पूरी तरह से खौफजदा बना दिया है.
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