मजबूरी : 11 साल की मालोती टुडू ने 12 किलोमीटर दूरी तय की
गोड्डा : इसे रिश्ते की तासीर कहें या भाई की जान बचाने का जज्बा, सो वह भूल गयी कि दूरियां क्या होती है और रास्ते कैसे हैं. उम्र तो उसकी महज 11 वर्ष है, लेकिन उसने जो कारनामा कर दिखाया है, वह आम तौर पर हट्टेकट्ठे जवान लोगों के लिए भी दुष्कर होगा. यह कारनामा सुंदरपहाड़ी प्रखंड क्षेत्र के चंदना गांव के आदिवासी टोले की 11 वर्षीया मालोती टुडू ने कर दिखाया.
बुधवार को वह ब्रेन मलेरिया से पीड़ित अपने सात साल के भाई की जान बचाने के लिए उसे कंधे पर लेकर चंदना से सुंदरपहाड़ी मुख्यालय तक की लगभग 12 किलोमीटर की दूरी तय की. सीएचसी में चिकित्सा प्रभारी डॉ आरबी पासवान ने मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चे का प्राथमिक इलाज कर बेहतर इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
ब्रेन मलेरिया की चपेट में दोनों बच्चे मालोती टुडू का सात वर्षीय भाई माइकल टुडू व तीन वर्षीय भाई प्रेम टुडू ब्रेन मलेरिया की चपेट में हैं. अस्पताल के चिकित्सकों ने बच्चों का इलाज करना प्रारंभ कर दिया.
माता-पिता की हो चुकी है मौत : मालोती टुडू ने बताया कि उसके पिता लुखीराम टुडू व मां रानी हेंब्रम की पिछले वर्ष बीमारी से मौत हो गयी थी. तब से मालोती, माइकल व प्रेम टुडू अपनी नानी तालामुणि मुर्मू के चंदना स्थित घर में रह रहे हैं.
दोनों बच्चों का पूरी तरह से इलाज शुरू कर दिया गया है. दवाएं दी जा रही है. बच्चों का ख्याल रखा जा रहा है.
मुकेश कुमार मैनेजर
सदर अस्पताल गोड्डा.