गोड्डा : .. जीते जी मुफलिसी से लड़ता रहा और मौत के बाद एक कफन के लिये भी तरस गया. यही हाल स्थानीय चपरासी मुहल्ले में शुक्रवार को मंटू मंडल की मौत के बाद देखने को मिला. वह कई माह से बीमारी से जूझ रहा था तथा नि:शक्त था. मौत का कारण भी नि:शक्तता बतायी जा रही है. बीपीएल रेखा में जीवन बसर करने वाले इस गरीब ने कल्याण विभाग से इलाज के लिए मदद मांगने के लिये कई बार विभाग का चक्कर लगाया, लेकिन मदद नहीं मिली. परिजनों ने बताया कि मंटू के साथ परिवार के लोग आवेदन लेकर कार्यालय जाते थे.
शारीरिक रूप से कमजोर हो जाने के बाद दूसरे का भरोसा छोड़ खाट पर ही पड़ा रहा. जीते जी सरकार की मदद तो नहीं मिल पायी, अब मौत के बाद पति के कफन के लिये फूटी कौड़ी तक नहीं है. अरथी उठाने के लिए दूसरे के पास हाथ पसारने के अलावा कुछ नहीं बचा है. बड़ी मुश्किल से आस-पड़ोस के लोगों ने मदद देकर मंटू के अंतिम संस्कार कराया. विधवा का कहना है कि इसके बाद भी यदि कुछ सरकारी राशि मिलती है तो कम से कम मंटू के आत्मा की शांति के लिये आगे का कर्म करायेगी.
स्थानीय लोगों में मुन्ना कुमार, अनिल मंडल, गुड्डू कुमार आदि ने बताया कि आपसी चंदा कर अंतिम क्रिया कराया गया.
परिवार को तत्काल कुछ भी नहीं किया जा सकता है. एक सप्ताह के अंदर सरकार की योजना के तहत परिजनों को 20 हजार रुपये दिलाने का प्रयास किया जायेगा.
– दिवाक र कुमार , सीओ गोड्डा.