-पथरगामा प्रखंड के कस्तूरिया गांव में कार्यशाला का हुआ आयोजनप्रतिनिधि,गोड्डाजिला प्रौद्योगिकी अभिकरण आत्मा व केवीके की ओर से बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. पथरगामा प्रखंड के कस्तूरिया गांव में आयोजित कार्यशाला में किसानों को कृषि से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गयी. इस दौरान आत्मा के परियोजना उप निदेशक राकेश कुमार सिंह व कृषि वैज्ञानिक राजपाल सिंह ने मूंग की खेती की जानकारी दी. बताया कि वर्मी कंपोस्ट खाद के प्रयोग से पैदावार को बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है. वहीं रासायनिक खाद के उपयोग से खेतों को काफी नुकसान पहुंचता है. जमीन की उर्वरा भी शक्ति घट सकती है. कृषि वैज्ञानिक राजपाल सिंह ने बताया कि मूंग की खेती के लिए विशेष ध्यान देने की जरुरत है. मूंग की फसल में लग रही बीमारी का इलाज ‘ इमीडाक्लोरोपीड ‘ से संभव है. किसान 1.5 मिमी प्रति लीटर की दर से दवा का छिड़काव फसलों पर कर कीड़ों से बचा सकते हैं. बताया कि वर्मी कंपोस्ट मिट्टी में नमी की मात्रा बरकरार रखती है. इस दौरान किसानों को समय-समय पर मिट्टी जांच की भी जानकारी दी गयी.
ओके….किसानों को दी गयी मूंग व वर्मी कंपोस्ट की जानकारी
-पथरगामा प्रखंड के कस्तूरिया गांव में कार्यशाला का हुआ आयोजनप्रतिनिधि,गोड्डाजिला प्रौद्योगिकी अभिकरण आत्मा व केवीके की ओर से बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. पथरगामा प्रखंड के कस्तूरिया गांव में आयोजित कार्यशाला में किसानों को कृषि से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गयी. इस दौरान आत्मा के परियोजना उप निदेशक राकेश कुमार सिंह व कृषि […]
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